Sunday, December 5, 2010

परवाज़

सितारों से आगे जहाँ और भी हैं,
अभी इश्क़ के इम्तेहाँ और भी हैं|
तू शाहीन है, परवाज़ है काम तेरा,
तेरे सामने आसमाँ और भी हैं|
इसी रोज़-ओ-शब में उलझकर ना रह जा,
के तेरे ज़मन ओ मकान और भी हैं||

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