Sunday, March 27, 2011

गर ज़माने को

गर ज़माने को जज़बात की क़ीमत होती,
तो प्यार करने में न कोई मुसीबत होती,
बजाए आशिक़ों को यूँ धुतकारे,
मुहब्बत की सबने दी नसीहत होती|

- मुश्ताक़

सौदा

हर रात चादर पर बनी सिलवटों को देख
ठगा सा महसूस किया है मैंने भी|
इस इश्क़ के बाज़ार में
लुटा सा अहसास हुआ है मुझे भी|
सीने में दर्द, दिल में तड़प,
आँखों में नमी, सुलगे जज़बात|
झुलसे हुए हाथ|
इसके अलावा और कुछ न पाया|
कई बार हथेलियाँ पलट कर देखी|
कम्बख़्त खाली ही थीं|
खाली हाथ लौटने की तरक़ीब|
भीड़ में झूठमूठ मुस्कुराने की तहज़ीब|
खुद पर कम होता ऐतबार|
नाचता ज़मीर|
बहुत कुछ पाया ख़ुद को गवाँ कर,
इस कारोबार ए इश्क़ में,
पीछे मुडकर देखा तो तेरी तरह 'तन्हा'
मुझे भी लगा, सौदा बुरा न था|

- आशिक़ा 'तन्हा'

मेरा हर शक़

मेरा हर शक़ बेवजह साबित हुआ,
तेरा हर धोखा महज़ इत्तेफ़ाक़ जो था

- आशिक़ा 'तन्हा'

Friday, March 25, 2011

जफ़ा करना

जफ़ा करना मेरी आदतों में शुमार ना था 'तन्हा',
पर सुनते थे तुम्हें वफ़ा रास नहीं आती|

- आशिक़ा 'तन्हा'

Betrayal wasn't even notionally included in my habits,
but one hears loyalty never suited you.

- transcreated by Max

ईन सिलसिला

ईन सिलसिला अज़ तलए नाब अस्त,
ईन ख़ना तमाम आफ़ताब अस्त

- Mirza Ghalib on the Mirs of Gujarat

दीवारें

Walls are naught but vacant poetry,
Men are the words.
Makes a shelter if they rhyme,
A refuge otherwise.

- HP

दीवारें और कुछ नहीं
ख़लिश भरी शायरी हैं,
जिसके लब्ज़ इनसान हैं,
जुड़े क़ाफ़िया रदीफ़
तो कारवाँसराइ हैं,
बेतुकी हुईं
तो रैनबसेरा हैं|

- मुश्ताक़

तेरी सादादिली पर मरना

तेरी सादादिली पर मरना मेरा ख़याल मेरी ज़रूरत ही सही 'तन्हा',
सजदा ए बन्दगी का कुछ तो तबर्रुख़ मिले

- आशिक़ा 'तन्हा'

let laying down my life for your simple-heartedness be my imagination, even a necessity,
may I be blessed for my unquestioning worship.

- transcreated by Max

तबर्रुख़ - प्रसाद

हमसे क्या हो सका

हमसे क्या हो सका मुहब्बत में,
तुमने तो ख़ैर बेवफ़ाई की...

- फ़िराक़

સ્વપના મા

સ્વપના મા વેહતિ'તિ નહેરો તારા ચેહરાની સતત
ને સ્વારે આઁખ મથી શૂં વહયૂ, કોને ખબર?

- રમેશ પારેખ

अच्छे दिनों की ख़ुशफ़हमी को

अच्छे दिनों की ख़ुशफ़हमी को यूँ पाला पोसा बिगाड़ा है,
मेरे वजूद तक का ना पता है, ना मुक़म्मल ठिकाना है

- मुश्ताक़

तेरी तलाश में

तेरी तलाश में मेरा वजूद ही न रहा,
तबाह कर गई मेरी हस्ती को आरज़ू तेरी

- अनजान

तुम मौसम नहीं हो

तुम मौसम नहीं हो ख़ुशफ़हमी थी मेरी,
यह जाना मैंने तुम्हारे बदल जाने के बाद

- आशिक़ा 'तन्हा'

हम कहाँ के दाना थे

हम कहाँ के दाना थे,
किस हुनर के यक्ता थे,
बेसबब हुआ ग़ालिब
दुश्मन आसमाँ अपना|

(दाना - pundit
यक्ता - master craftsman)

भीगी भीगी सी है

भीगी भीगी सी है ख़ुशबू जैसे,
खुल गए हो तेरे गेस्सू जैसे|
हुस्न मासूम की बरहम नज़री,
मौसम ए गुल में चले लू जैसे|
जाने क्यों चुप है तेरा दीवाना,
कर गया हो कोई जादू जैसे|
इस तरह टूट रहे है रिश्ते,
हो जुदा आँख से आँसू जैसे|

- अनजान

(गेस्सू - hairs)

ना कभी ऐसा इनक़िलाब मिले

ना कभी ऐसा इनक़िलाब मिले
प्यास पानी की हो, शराब मिले,
उफ़्फ़! यह आज़ादी कि एक अन्धे को,
जैसे ख़ैरात में किताब मिले

- अनजान

सलाम करने में

सलाम करने में words की सही अदायगी कितनी ज़रूरी है ज़रा ग़ौर फ़रमाइये:

अस्सलाम-ओ-अलइकुम - तुम पर सलामती हो
साम-ओ-अलइकुम - तुम बरबाद हो जाओ
असाम-ओ-अलइकुम - तुम को मौत आ जाए
अस्सा-ए-कुम - तुम ख़ुशी को तरसो
स्लाम-ए-कुम - तुम पे लानत हो

પત્થર મન્દિર મા આવીને

પત્થર મન્દિર મા આવીને ભગવાન બની જયે છે...
અને...
મનવી મન્દિર મથી નિકલી ને પત્થર બબી જયે છે!

- અનજાન

चाहतें और भी थीं

चाहतें और भी थीं, राहतें और भी थीं 'तन्हा',
तेरी चाहत और राहत-ए-वस्ल में उम्र
बन्द मुट्ठी से रेत सी फिसल गयी

- आशिक़ा 'तन्हा'

क्या हक़ था तुम्हें

क्या हक़ था तुम्हें, यूँ नज़रों से पिलाना,
क्या ख़ता की हमने, यूँ निगाहें मिलाना|
अब सवाल यह नहीं कि कौन जगा कौन सोया है,
आख़िर क्यों ठान ली यह गुलशनों को खिलाना|
या तो ख़्वाबिदा थे हम या फिर रूह-ए-रोशन ने,
कोई मौजीज़ा किया क्या, यूँ लाशों को जगाना|
आपकी निगाह में पता नहीं हम बुत हैं या पालतू जानवर,
अब क्या सोचना 'मुश्ताक़' किसे तारना किसे डुबाना|

- मुश्ताक़

To feed me wine with you eyes, what rights did you have
What fault of mine, you rewarded by fixing me with a gaze
Who's awake, who's asleep -isn't the question now
Why did you vow to bring spring back to these dead gardens
Perhaps I was asleep, or perchance the shining face of yours
Wrought a miracle resurrecting carcasses this way
-won't know if I am a pet animal or a statue in your eyes
Why think now, whom to save whom to drown...

- transcreated by Max

नेकी और बदी

नेकी और बदी के जंग मे‍ न कुछ सीखा न सिखाया है,
कभी नेकी ने डुबोया तो कभी बदी ने बचाया है

- मुश्ताक़

Mercy killing

मरते हैं आरज़ू में मरने की,
मौत आती है पर नहीं आती

- Justice Katju, on mercy killing

जब भी उसका नसीब लिखना

जब भी उसका नसीब लिखना,
उरूज लिखना, कमाल लिखना,
कभी ना हर्फ़-ए-ज़वल लिखना,
ख़ुशियाँ लिखना और
उसकी उम्र-ए-द्राज़ लिखना|

Whenever you write her destiny,
write in superlatives, sprinkle surprises,
do not ever employ a word of agony,
write joys, write a long life.

- transcreated by Max, original poet unknown.

साक़ी मुझे भी चाहिये

साक़ी मुझे भी चाहिये एक जाम-ए-आरज़ू,
कितने लगेंगे दाम ज़रा आँख तो मिला

- अनजान

किया है प्यार जिसे

किया है प्यार जिसे हमने ज़िन्दगी की तरह,
वह आशना भी मिला हम से अजनबी की तरह

- अनजान

बसी-बसी सुबह है

बसी-बसी सुबह है उदास रात के बाद,
प्यासा-प्यासा लौटा हूँ कल बरसात के बाद,
तेरा जाना, ना आना सब जायज़ है 'तन्हा',
पर नाजायज़ है दूरी इतने साथ के बाद

- आशिक़ा 'तन्हा'

उर्दू क्या है

अब उर्दू क्या है ‍- एक कोठे की तवाइफ़ है| मज़ा हर एक लेता है, मुहब्बत कम करते हैं|

- ख़ुर्शीद अफ़्सार बिस्रानी

છે બરફ ની એક ખૂબી

છે બરફ ની એક ખૂબી માણસ મા પણ,
કોઈ નિ ઉષ્મા મળે તો તરત ઓગળે છે

- અપરિચિત



मनज़िल तो मिल ही जाएगी

मनज़िल तो मिल ही जाएगी भटक कर ही सही,
गुमराह तो वह है, जो घर से निकला ही नहीं

- अनजान

જગત જ્યારે જ્યારે

જગત જ્યારે જ્યારે મને નડતુ રહે છે,
ત્યારે ત્યારે મને મારા મા કૈક જડતુ રહે છે

(Whenever the world seems an obstacle to me,
I always find something within me)

- transcreated by Max, original poet not known

Peace of mind

Peace of mind is the beautiful gift which we can give to ourselves just by expecting nothing even after doing everything.

Wednesday, March 23, 2011

तेरी बेज़ुबाँ दरियादिली

तेरी बेज़ुबाँ दरियादिली पे नाज़ है ऐ दिल, पर ज़लज़ले आते रहते हैं,
समुन्दर की गहराई तो बेशुमार है, ऐ दिल, पर वलवले आते रहते हैं|
ज़ीस्त की पुरसुकुन चाल में लचक नहीं ऐ दिल, पर मनचले आते रहते हैं,
बेख़्वाब नीन्द भी नसीब होती है ऐ दिल, पर दिलजले आते रहते हैं||

- मुश्ताक़

ज़लज़ले - Earthquakes
वलवले - Whirlpools
पुरसुकुन - Peaceful
बेख़्वाब - Deep, dreamless

तकल्लुफ़

तुम मुझे कभी दिल कभी आँखों से पुकारो,
यह होंठों के तकल्लुफ़ तो ज़माने के लिए हैं

‍- अनजान

थक जाता हूँ मैं ज़माने के तकल्लुफ़ से,
दिलो-निगाह की ज़ुबाँ की जगाके तो देखो

- मुश्ताक़

कश्ती भी ना बदली

कश्ती भी ना बदली,
दरिया भी ना बदला,
हम दिल के मारों का
जज़्बा भी ना बदला|

हर शौके सफ़र ऐसा
कि एक उम्र से हमने
मनज़िल भी ना पायी,
रस्ता भी ना बदला|

यह जो हिज्र में

यह जो हिज्र में दीवारो-दर को देखते हैं,
कभी सबा को कभी नामाबर को देखते हैं

- ग़ालिब

इतनी शिद्दत से

इतनी शिद्दत से जीते हो हर लम्हा...
कि ख़ामोशियाँ भी महफ़िल लगते हैं

- नील भट्ट

Good relationships

Good relationships are like the needles of a clock. They only meet for some time but always stay connected.

Tuesday, March 22, 2011

Art

Art is the unique result of a unique temperament.

- Oscar Wilde

Tuesday, March 15, 2011

मरने की जलदी

यहाँ ग़रीब को मरने की जलदी इसलिये भी है ग़ालिब,
कहीं ज़िन्दगी की कशमकश में कफ़न महँगा ना हो जाये

- मिर्ज़ा ग़ालिब

दर्द-ए-इश्क़

तेरा दर्द मेरी आँखों में उतर आया है,
यह दर्द-ए-इश्क़ का कैसा सरमाया है,
सुनते थे मुहब्बत में दिल तर नहीं होता,
आँखें नम होतीं हैं,
फिर वस्ल-ए-यार ने कैसा
सितम फ़र्माया है|

- आशिक़ा 'तन्हा'

Your pain has seeped into my eyes,
what manifestation is this of love's agony,
have always heard in love the heart doesn't saturate
only eyes well up,
then why the tryst with the beloved
has been so punishing?

- transcreated by Max

रिन्दापन

पिलाये जाती हो ज़हर मुझको
उस दिन के इन्तेज़ार में,
जब रिन्दापन, मशर्रत मिट कर
महज़ एक ज़रूरत बन जाये|

मुश्ताक़

(You go on feeding me poison
waiting for the day when,
my joyful imbibing would stop
being a delight and turn
into a mere habit.

- Max)

મીઠા તમારા પ્રેમ ના પત્રો

મીઠા તમારા પ્રેમ ના પત્રો સમય જતા,
નાહોતી ખબર કે દર્દ નુ વાચન બની જશે...

- મરીજ

Reminds me of these lines...

तेरी ख़ुशबू से भरे ख़त मैं जलाता कैसे...
तूने दुनिया से जो बचकर लिखे,
कभी दिन, तो कभी रात में छुपकर लिखे...

- अनजान

ग़िलाफ़-ए-औज़ार-ए-मज़ा-ए-मुहब्बत-बन्दिश-ए-इज़फ़ा-ए-नसल

कन्डोम का उर्दू नाम:

ग़िलाफ़-ए-औज़ार-ए-मज़ा-ए-मुहब्बत-बन्दिश-ए-इज़फ़ा-ए-नसल

(कुछ तमीज़ सीखो, ग़ुब्बारा-ग़ुब्बारा करते रहते हो!)

मिलना ना मिलना

मिलना ना मिलना पर बेशुमार तरसना,
घने बादलों का कभी‍ कभार बरसना,
फटता रहे ज़मीन का सीना बेलब्ज़,
नसीब जो है यूँ ही मसलसल लरज़ना

- मुश्ताक़

विषामृत

मधु करडप से आधारों को अर्थ देना,
विष से वन्चित रहकर जीवन व्यर्थ है,
स्नेह की प्रीतीची से स्व को कर दीप्तिमान लेना,
विषामृत प्रश में महारुद्र समर्थ है|

- आशिक़ा 'तन्हा'

मेरा अंतर्मुखी रुदन विस्तृत होकर विलोपन बन जाए
शरीर और आत्मा बीच दुरी तक क्षुल्लक बन जाए...
विचारोंके वमल में छिपे सुक्ष्म प्रतिबिम्ब भी जब
आत्माके क्रीडांगन में एक नक्कार स्वप्ना बन जाए.

- " मुश्ताक "

तेरी बन्दगी मैंने की

तेरी बन्दगी मैंने की, यह मेरी ज़िन्दगी बन्दगी है तेरी,
तुझसे हूँ ऐसे जुडा मैं, साँसों से धड़कनें जैसे जुडीं,
तेरी बन्दगी मैंने की, यह मेरी ज़िन्दगी बन्दगी है तेरी,
तुझको सब में ढूँढा मैंने, मुझको मुझी में मिला तू.

बाहों में अपनी भरकर मुझको, काँटों पे है चला तू
बिनतेरे मैं कुछ नहीं, तेरी है तेरी यह ज़िन्दगी,
तेरी बन्दगी मैंने की, यह मेरी ज़िन्दगी बन्दगी है तेरी |

- प्रियेशा कृष्णन

Creativity

Idleness and isolation are two essential ingredients for creativity.
- Anonymous

Saturday, March 12, 2011

Love

If you love something, set it free. If it returns, you have not lost it. If it disappears and never comes back, then it was never yours to begin with.

And if it just sits there watching TV, unaware that it has been set free, then you probably married it.

Squirrels

It is estimated that millions of trees in the world are accidentally planted by squirrels, who bury nuts and then forget where they hid them.

Do good, and forget.

- Anonymous

Butterfly

The butterfly fluttered frantically at Mehfooz,
not because it was lost.
It just needed someone to open the window
to freedom.

- Nuzhat

Osho

Reporter to Osho: Do you know what girls and boys are doing in your ashram?
Osho: Mere ko kya?
Reporter: Ashram to aapka hai.
Osho: Phir tere ko kya?

Small love story

He proposed. She smiled. No teeth. He died.