Sunday, December 12, 2010

मैं जो काँटा हूँ

मैं जो काँटा हूँ, तो चल मिझसे बचाकर दामन;
मैं हूँ अगर फूल, तो ज़ुल्फ़ों में सजा ले मुझको!

अनजान

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