Friday, March 25, 2011

बसी-बसी सुबह है

बसी-बसी सुबह है उदास रात के बाद,
प्यासा-प्यासा लौटा हूँ कल बरसात के बाद,
तेरा जाना, ना आना सब जायज़ है 'तन्हा',
पर नाजायज़ है दूरी इतने साथ के बाद

- आशिक़ा 'तन्हा'

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