The librarian stares at him for a while, then asks, "Who's gonna bring it back?"
Tuesday, November 22, 2011
Big City Blues
The scariest facet of big city blues,
metropolitan dehumanisation is the sad
realisation that people have no time for you.
- Max
दोण थेंब
नमस्कार...
मी एक कविता सादर करत आहे...
माझ्या कवितेचे नाव आहे:
"दोण थेंब"
.
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.
.
.
.
टुपुक...टुपुक...
धन्यवाद!
वह चले आते हैं
वह चले आते हैं कब्रस्तान सी मन्हूस संजीदगी में पैवस्त,
हमें शरारती मुस्कान छुपाना मुहाल है |
- मुश्ताक़
यह ना कहना
यह न कहना दुआओं में मेरी, असर नहीं
राहे-ज़ीस्त में रह कर परेशान, करनी हमें बसर नही
- मुश्ताक़
राहे-ज़ीस्त में रह कर परेशान, करनी हमें बसर नही
- मुश्ताक़
अपने आप से सामना
अपने आप से सामना हो गया आज,
अक्स भी बेगाना हो गया आज,
उफ़ यह ज़िन्दगी दोष भी किसे दे,
हर लम्हा फ़साना हो गया आज|
- मित्रा पटेल
(Tweaked by Max Babi)
प्यार बारहा
Love can sometimes be magic.
But magic can sometimes...
just be an illusion.
- Ashleshaa
प्यार बारहा तिलिस्मात सा होता है,
और तिलिस्मात बरह ख़ुशफ़हमी!
- मुश्ताक़
जलते हुए सूरज की ज्वालाओं
जलते हुए सूरज की ज्वालाओं को क्या देखोगे,
दिल में जल रहे शोलों को देखो तुम,
साँसें तो बस नाम की हैं,
तुझसे जुदा होकर भी इस दिल में अगर जान है,
तो इस करिश्मे की वजह हो तुम|
- MSS
ज़िन्दगी तस्वीर भी है, तक़दीर भी
किसी ने क्या ख़ूब कहा है:
ज़िन्दगी तस्वीर भी है, तक़दीर भी|
मनचाहे रंगों से बने तो तस्वीर
और अनचाहे रंगों से बने तो तक़दीर|
- अनजान
જીવન ની હકીકત
જીવન ની હકીકત પૂછો છો તો મોત સુધી ની રાહ જુવો...
જીવન તો અધૂરૂ પુસ્તક છે, એનુ વિવેચન કોણ કરે
- અજ્ઞાત
Tuesday, November 15, 2011
एक दिन रुतबा मैं भी दिखाऊँगा
एक दिन रुतबा मैं भी दिखाऊँगा,
जी भर के सब को मैं भी रुलाऊँगा,
पैदल चल रहे होंगे दोस्त सारे,
और मैं आराम से कन्धों पर लेट कर जाऊँगा!
- अनजान
जी भर के सब को मैं भी रुलाऊँगा,
पैदल चल रहे होंगे दोस्त सारे,
और मैं आराम से कन्धों पर लेट कर जाऊँगा!
- अनजान
तेरे बज़्म में आने से
तेरे बज़्म में आने से ऐ साक़ी,
चमके मैक़दा,
जाम-ए-शराब चमके,
ज़र्रा-ज़र्रा नज़र आए मह-पारा,
गोशा-गोशा मिस्ल-ए-आफ़्ताब चमके|
मेरी जान यह शान सुभान-अल्लाह,
तेरा हुस्न यूँ ज़ेर-ए-नक़ाब चमके,
जैसे शम्मा किन्दिले में रोशन,
जैसे बादलों में माहताब चमके|
मैख़ार हैं सारे उदास बैठे,
सूनी पडी है तेरे बग़ैर महफ़िल,
तू जो आए तो साग़र-ओ-जाम चमके,
तू पिलाए तो रंग-ए-शराब चमके|
ला-ए-ताब इतनी चश्म-ए-शौक क्यों कर,
देखे कौन उसके बेनक़ाब जलवे,
जिसके रूह-ए-दरक्शा में है सूफ़ी,
बढ़ के ज़ुल्फ़ से कहीं नक़ाब चमके!
- हीर
चमके मैक़दा,
जाम-ए-शराब चमके,
ज़र्रा-ज़र्रा नज़र आए मह-पारा,
गोशा-गोशा मिस्ल-ए-आफ़्ताब चमके|
मेरी जान यह शान सुभान-अल्लाह,
तेरा हुस्न यूँ ज़ेर-ए-नक़ाब चमके,
जैसे शम्मा किन्दिले में रोशन,
जैसे बादलों में माहताब चमके|
मैख़ार हैं सारे उदास बैठे,
सूनी पडी है तेरे बग़ैर महफ़िल,
तू जो आए तो साग़र-ओ-जाम चमके,
तू पिलाए तो रंग-ए-शराब चमके|
ला-ए-ताब इतनी चश्म-ए-शौक क्यों कर,
देखे कौन उसके बेनक़ाब जलवे,
जिसके रूह-ए-दरक्शा में है सूफ़ी,
बढ़ के ज़ुल्फ़ से कहीं नक़ाब चमके!
- हीर
भुलाता लाख हूँ लेकिन
भुलाता लाख हूँ लेकिन बराबर याद आते हैं एलाही,
तर्क-ए-उल्फ़त वह क्यों कर याद आते हैं?
ना छेड ए हमनशीन कैफ़ियत-ए-सहबा के अफ़साने,
शराब-ए-बेहुदी के मुझको साग़र याद आते हैं|
नहीं आती तो याद उनकी महीनों तक नहीं आती,
मगर जब याद आते हैं, तो अकसर याद आते हैं|
हक़ीक़त खुल गयी हसरत तेरे तर्क-ए-मुहब्बत की,
तुझ को तो अब वह पहले सी भी बढ़कर याद आते हैं|
- हसरत मोहानी
(पाकिस्तानी शा`यर, जिनके
"दुनिया किसी के प्यार में जन्नत से कम नहीं,
एक दिलरुबा है दिल में जी हूरों से कम नहीं"
को महदी हसन ने ज़ुबाँ दी है)
तर्क-ए-उल्फ़त वह क्यों कर याद आते हैं?
ना छेड ए हमनशीन कैफ़ियत-ए-सहबा के अफ़साने,
शराब-ए-बेहुदी के मुझको साग़र याद आते हैं|
नहीं आती तो याद उनकी महीनों तक नहीं आती,
मगर जब याद आते हैं, तो अकसर याद आते हैं|
हक़ीक़त खुल गयी हसरत तेरे तर्क-ए-मुहब्बत की,
तुझ को तो अब वह पहले सी भी बढ़कर याद आते हैं|
- हसरत मोहानी
(पाकिस्तानी शा`यर, जिनके
"दुनिया किसी के प्यार में जन्नत से कम नहीं,
एक दिलरुबा है दिल में जी हूरों से कम नहीं"
को महदी हसन ने ज़ुबाँ दी है)
Wednesday, November 9, 2011
THOUGHTS and PRAYERS
The nicest place to be, is in someone's THOUGHTS, and the safest place to be is in someone's PRAYERS...
You are there in both, my thoughts and prayers.
- Anonymous
You are there in both, my thoughts and prayers.
- Anonymous
Trees
Trees as tall as five stories
stare at me like
slightly offended priests.
Nature's mobiles,
like extra glamorous women,
their torso and limbs exuding
harmonious riffs adding
to untimed symphonies.
On a windless morning,
their quiet repose seems
more a readiness than fatigue.
A perpetual delight.
- Max
stare at me like
slightly offended priests.
Nature's mobiles,
like extra glamorous women,
their torso and limbs exuding
harmonious riffs adding
to untimed symphonies.
On a windless morning,
their quiet repose seems
more a readiness than fatigue.
A perpetual delight.
- Max
Instruments
Like multiple foetuses carried over-term,
my dreams comatose and unfructified,
peep through ravaged faces visible only
to me in chaos of an abstract painting —
The progenitor couldn't care less
like mother hung up on football, not genesis.
Are we all then mere instruments?
my dreams comatose and unfructified,
peep through ravaged faces visible only
to me in chaos of an abstract painting —
The progenitor couldn't care less
like mother hung up on football, not genesis.
Are we all then mere instruments?
Untitled Sonnet
I'll never know if you ever existed
Or reality might have been tight-fisted
Should a fevered mind be credited
Perhaps cerebral fecundity got twisted?
My shadow like some knowing cloud clung
To spacetime faults where, from past future sprung
While brooks ajangle danced and treebirds sung
Together they worked in harmony, my heart wrung.
You couldn't have been just an unfeeling pot
Dreams flower in sleep, untouched they rot
Your eyes, windows to your soul could spot
Frigid silences, leaping emotions and pauses hot
Weren't we simply children playing on a warm beach
Or cynical adults mingling with sympathy out of reach?
Or reality might have been tight-fisted
Should a fevered mind be credited
Perhaps cerebral fecundity got twisted?
My shadow like some knowing cloud clung
To spacetime faults where, from past future sprung
While brooks ajangle danced and treebirds sung
Together they worked in harmony, my heart wrung.
You couldn't have been just an unfeeling pot
Dreams flower in sleep, untouched they rot
Your eyes, windows to your soul could spot
Frigid silences, leaping emotions and pauses hot
Weren't we simply children playing on a warm beach
Or cynical adults mingling with sympathy out of reach?
Tuesday, September 13, 2011
उसने दिन रात
उसने दिन रात मुझको सताया इतना
कि नफ़रत भी हो गयी और मोहब्बत भी हो गयी|
उसने इस नज़ाकत से मेरे होंठों को चूमा,
कि रोज़ा भी न टूटा और इफ़तारी भी हो गयी|
उसने इस तरह से मुझसे मोहब्बत की
के गुनाह भी न हुआ और इबादत भी हो गयी|
मतपूछो उसके मोहब्बत करने का अन्दाज़ कैसा था,
उसने इस शिद्दत से सीने से लगाया
कि मौत भी न हुई और जन्नत भी मिल गयी!
- अनजान
कि नफ़रत भी हो गयी और मोहब्बत भी हो गयी|
उसने इस नज़ाकत से मेरे होंठों को चूमा,
कि रोज़ा भी न टूटा और इफ़तारी भी हो गयी|
उसने इस तरह से मुझसे मोहब्बत की
के गुनाह भी न हुआ और इबादत भी हो गयी|
मतपूछो उसके मोहब्बत करने का अन्दाज़ कैसा था,
उसने इस शिद्दत से सीने से लगाया
कि मौत भी न हुई और जन्नत भी मिल गयी!
- अनजान
बेढड़क खेलता था मैं
बेढड़क खेलता था मैं यूँही जब तक हारा न था,
हौंसला बढ़ाता गया मेरा यूँही, और कोई चारा न था,
वह ही दुशमन खड़ा हुआ जिसे कभी मारा न था|
मीजाज़े गर्म क्या नापते हम, अब शीशी में पारा न था,
चाक गिरेबान ज़िन्दगी रही, कभी नसीब सवारा न था,
हावी रहा संग दिल ज़माना, एक लम्हा चैन गवारा न था|
ख़ुशहाली बनी रही आगे, उबलता ज़मीर थारा न था,
निख़ार आया भी जब ज़ीस्त पे उसमें, जोशे बहाराँ न था,
हिसाब क्या ख़ाक़ करते मुश्ताक़, भटकी नाव का किनारा न था|
- मुश्ताक़
हौंसला बढ़ाता गया मेरा यूँही, और कोई चारा न था,
वह ही दुशमन खड़ा हुआ जिसे कभी मारा न था|
मीजाज़े गर्म क्या नापते हम, अब शीशी में पारा न था,
चाक गिरेबान ज़िन्दगी रही, कभी नसीब सवारा न था,
हावी रहा संग दिल ज़माना, एक लम्हा चैन गवारा न था|
ख़ुशहाली बनी रही आगे, उबलता ज़मीर थारा न था,
निख़ार आया भी जब ज़ीस्त पे उसमें, जोशे बहाराँ न था,
हिसाब क्या ख़ाक़ करते मुश्ताक़, भटकी नाव का किनारा न था|
- मुश्ताक़
दाग़ मेरे दामन के
दाग़ मेरे दामन के धुले न धुले,
नेलकियाँ मेरी तराज़ू में तुले न तुले,
आज ही गुनाहों से कर लूँ तौबा,
ख़ुदा जाने कल मेरी आँख खुले न खुले
- अनजान
नेलकियाँ मेरी तराज़ू में तुले न तुले,
आज ही गुनाहों से कर लूँ तौबा,
ख़ुदा जाने कल मेरी आँख खुले न खुले
- अनजान
Monday, August 29, 2011
Longing
The gray morning, the light drizzle,
Brings in inexplicable longing.
The crispy chill, the wet ground,
Makes me long for your warmth.
Transcend time, leap borders.
Break the rules, come to me.
Together we shall dance
To the soft music of love.
- CSP
Brings in inexplicable longing.
The crispy chill, the wet ground,
Makes me long for your warmth.
Transcend time, leap borders.
Break the rules, come to me.
Together we shall dance
To the soft music of love.
- CSP
Tuesday, August 16, 2011
वक़्त की मुसलसल धुन्धलाहट में
वक़्त की मुसलसल धुन्धलाहट में 'मुश्ताक़',
कुछ यादें खो बठतीं हैं अपनी शौक़ियाँ,
कुछ अज़ीज़ करतब तो ऐसे करेंगे रूह अफ़्ज़ाई,
लाख करे ज़माने की आँखें, चौकियाँ
- मुश्ताक़
कुछ यादें खो बठतीं हैं अपनी शौक़ियाँ,
कुछ अज़ीज़ करतब तो ऐसे करेंगे रूह अफ़्ज़ाई,
लाख करे ज़माने की आँखें, चौकियाँ
- मुश्ताक़
Tuesday, August 2, 2011
बुलन्दियों के मुसाफ़िर
बुलन्दियों के मुसाफ़िर को कौन समझाए,
के उस की राह में आगे ढलन आती है?
- मुश्ताक़
के उस की राह में आगे ढलन आती है?
- मुश्ताक़
सुना है
सुना है ज़िन्दगी इमतेहान लेती है फ़राज़,
पर यहाँ तो इमतेहानों ने ज़िन्दगी ले ली|
अहमद 'फ़राज़'
पर यहाँ तो इमतेहानों ने ज़िन्दगी ले ली|
अहमद 'फ़राज़'
मुसलमान को
मुसलमान को क़ुरान में ईमान न मिला,
हिन्दु को गीता में भगवान न मिला,
उस इनसान को आसमाँ में क्या भगवान मिलेगा,
जिस इनसान को इनसान में इनसान न मिला?
- अज्ञात
हिन्दु को गीता में भगवान न मिला,
उस इनसान को आसमाँ में क्या भगवान मिलेगा,
जिस इनसान को इनसान में इनसान न मिला?
- अज्ञात
ख़ाना बदोश है साँसों का काफ़िला
ख़ाना बदोश है साँसों का काफ़िला, ज़िन्दगी एक रवायत-ए-सफ़र के सिवा कुछ भी नहीं,
तन्हा सा है बेसबब तन्हाई का सिलसिला, बन्दगी रज़ा-ए-बशर के सिवा कुछ भी नहीं|
- आशिक़ा 'तन्हा'
तन्हा सा है बेसबब तन्हाई का सिलसिला, बन्दगी रज़ा-ए-बशर के सिवा कुछ भी नहीं|
- आशिक़ा 'तन्हा'
मुँह छिपाते निकले थे
मुँह छिपाते निकले थे तफ़री पर ज़ीस्त की राहों में,
के पागलों से बादलों ने अचानक सहारा दे दिया,
आये वक़्त मुँह फेर लेना जिनकी तासीर है,
बेशर्म आफ़ताब नंगेपन का जलवा बार-बार कर रहा है|
- मुश्ताक़
के पागलों से बादलों ने अचानक सहारा दे दिया,
आये वक़्त मुँह फेर लेना जिनकी तासीर है,
बेशर्म आफ़ताब नंगेपन का जलवा बार-बार कर रहा है|
- मुश्ताक़
सौ सौ उम्मीदें
सौ सौ उम्मीदें बन्धती हैं एक निगाह पर,
मुझको न ऐसे प्यार से देखा करे कोई|
- अल्लामा 'इक़बाल'
मुझको न ऐसे प्यार से देखा करे कोई|
- अल्लामा 'इक़बाल'
ज़हर घोल दिया तुमने
ज़हर घोल दिया तुमने ज़ीस्त की आँत-बाँत में,
के कब था मुझे भरोसा यूँ फिरका या जात पात में,
आज जब आदमी को भी नहीं मयस्सर इनसान होना,
अब भला और क्या कहूँ बढ़कर इससे ख़ास बात मैं?
- मुश्ताक़
ज़ीस्त - life
आँत-बाँत - warp & weft
फ़र्क़ों - sects
मयस्सर - loss of skill or ability
के कब था मुझे भरोसा यूँ फिरका या जात पात में,
आज जब आदमी को भी नहीं मयस्सर इनसान होना,
अब भला और क्या कहूँ बढ़कर इससे ख़ास बात मैं?
- मुश्ताक़
ज़ीस्त - life
आँत-बाँत - warp & weft
फ़र्क़ों - sects
मयस्सर - loss of skill or ability
The coffee bar terrace
The coffee bar terrace is lonely,
I often sit at the table imagining
your gurgling chuckle,
at once like a baby and a classy lady,
laughingly you often would show me
the atoll where long ago you often sat
with a friend
as the sun dropped shamefaced -
your words were a sparse drizzle,
for your love triggered my torrential downpours.
An ephemeral whiff makes a glossy appearance,
leaving me to rearrange my own electric memories.
- Unsigned
I often sit at the table imagining
your gurgling chuckle,
at once like a baby and a classy lady,
laughingly you often would show me
the atoll where long ago you often sat
with a friend
as the sun dropped shamefaced -
your words were a sparse drizzle,
for your love triggered my torrential downpours.
An ephemeral whiff makes a glossy appearance,
leaving me to rearrange my own electric memories.
- Unsigned
We are all in the gutter
We are all in the gutter, but some of us are looking at the stars.
- Oscar Wilde
- Oscar Wilde
Quote for success
It's not always that you get to hit the iron when it's hot;
I believe in hitting it so hard that it gets hot."
- Unattributed
I believe in hitting it so hard that it gets hot."
- Unattributed
मेरी ही लिखी
मेरी ही लिखी शेर-ओ-रुबईया मुझे भेजकर
क्या पाते हो मेरी ही यादों की पोटली में सर रखकर?
- आशिक़ा 'तन्हा'
क्या पाते हो मेरी ही यादों की पोटली में सर रखकर?
- आशिक़ा 'तन्हा'
ઍક તરુ નામ
ઍક તારું નામ લખતા આવડ્યૂ,
ને પછી તો સ્લેટ આ કોરી રહી...
- આદમ તંકરવી
(I only learnt how to write your name,
and then my slate remained unsoiled.)
ને પછી તો સ્લેટ આ કોરી રહી...
- આદમ તંકરવી
(I only learnt how to write your name,
and then my slate remained unsoiled.)
જગત જ્યારે જ્યારે
જગત જ્યારે જ્યારે મને નડત રહે છે,
ત્યારે ત્યારે મને મારા મા કૈક જડતુ રહે છે
(Whenever life has thrown obstacles in my path,
I have discovered something useful inside me)
- Max Babi
ત્યારે ત્યારે મને મારા મા કૈક જડતુ રહે છે
(Whenever life has thrown obstacles in my path,
I have discovered something useful inside me)
- Max Babi
Sunday, July 31, 2011
सारी रात अपने ही नाम की
सारी रात अपने ही नाम की अफ़ीम चखी है तेरे सुर्ख़ लबों से 'तन्हा'
अब होश तो दिल-ए-ख़ुशफ़हम को बहलाने के लिये है
- आशिक़ा 'तन्हा'
अब होश तो दिल-ए-ख़ुशफ़हम को बहलाने के लिये है
- आशिक़ा 'तन्हा'
यदि स्थान प्राप्त होता
यदि स्थान प्राप्त होता तुम्हारी जीवनमाला में,
न पूछते कभी तुम श्वेत क्यों और क्यों काला मैं,
यदि यह प्रेमवार्ता में सूक्ष्म तथ्य भी होता
न होती तुम रसोईघर की राणी
और न घुलता मैं मधुशाला में
- मुश्ताक़
न पूछते कभी तुम श्वेत क्यों और क्यों काला मैं,
यदि यह प्रेमवार्ता में सूक्ष्म तथ्य भी होता
न होती तुम रसोईघर की राणी
और न घुलता मैं मधुशाला में
- मुश्ताक़
समझा नहीं है दिल मेरा
समझा नहीं है दिल मेरा मनसूबे राज़दार के,
जानकर भी क्या फर्क़ कर्तब ए लाचार के,
कर लो इन दिक्ख़तों से कुछ और बान्ध छोड़,
इसही में छिपी हैं आरज़ू, रूह ए शानदार से
- मुश्ताक़
जानकर भी क्या फर्क़ कर्तब ए लाचार के,
कर लो इन दिक्ख़तों से कुछ और बान्ध छोड़,
इसही में छिपी हैं आरज़ू, रूह ए शानदार से
- मुश्ताक़
Saturday, July 23, 2011
To be loved
We all want to be rich, to be admired, to eat like a horse and be skinny like a snake. To have small children ask for our autographs, to be on terrific medications that make us calm and witty and sexy. To sing divinely in public. But in absence of all that. it's enough to be loved.
- Garrison Keillor
- Garrison Keillor
Banks
Apparently the two banks
never reunited;
they just coyly smiled.
One bad summer the river dried
and I saw their clasped hands.
And I smiled too.
- Hershal Pandya
never reunited;
they just coyly smiled.
One bad summer the river dried
and I saw their clasped hands.
And I smiled too.
- Hershal Pandya
Your name
Whenever I look at the stars
in the lonely nights...
they whisper your name
in my ears.
- Shilpa Desai
I seek your name
not in the distant stars,
but in fallen petals,
for them I gather and
grasp next to my heart.
- Raamesh Gowri Raghavan
in the lonely nights...
they whisper your name
in my ears.
- Shilpa Desai
I seek your name
not in the distant stars,
but in fallen petals,
for them I gather and
grasp next to my heart.
- Raamesh Gowri Raghavan
Thursday, June 23, 2011
I'll never know if you ever existed
I'll never know if you ever existed,
Or reality might have been tight-fisted.
Should a fevered mind be credited?
Perhaps cerebral fecundity got twisted.
My shadow like some knowing cloud clung
To spacetime faults where, from past future sprung,
While brooks ajangle danced and tree-birds sung
Together they worked in harmony, my heart wrung.
You couldn't have been just an unfeeling pot
Dreams flower in sleep, untouched they rot.
Your eyes, windows to your soul, could spot
Frigid silences, leaping emotions and pauses hot.
Weren't we simply children playing on a warm beach
Or cynical adults mingling with simplicity out of reach?
- Max Babi
Or reality might have been tight-fisted.
Should a fevered mind be credited?
Perhaps cerebral fecundity got twisted.
My shadow like some knowing cloud clung
To spacetime faults where, from past future sprung,
While brooks ajangle danced and tree-birds sung
Together they worked in harmony, my heart wrung.
You couldn't have been just an unfeeling pot
Dreams flower in sleep, untouched they rot.
Your eyes, windows to your soul, could spot
Frigid silences, leaping emotions and pauses hot.
Weren't we simply children playing on a warm beach
Or cynical adults mingling with simplicity out of reach?
- Max Babi
Sunday, May 29, 2011
दिल की ख़ामोश धड़कनें
दिल की ख़ामोश धड़कनें,
होश ओ हवास गुमशुदा,
आँखों में अश्कों के सिलसिले,
सुबह ओ शाम ग़मज़ादा,
तेरा 'तन्हा' कर जाना था या
त क़यामत की सज़ा
- आशिक़ा 'तन्हा'
होश ओ हवास गुमशुदा,
आँखों में अश्कों के सिलसिले,
सुबह ओ शाम ग़मज़ादा,
तेरा 'तन्हा' कर जाना था या
त क़यामत की सज़ा
- आशिक़ा 'तन्हा'
माना कि तुझे
माना कि तुझे पीने की आदत नहीं वाइज़,
मैख़ाने की रौनक़ ही बढ़ाने के लिये आ...
(A missing line from Ranjish hi sahi by Ahmed Faraz)
मैख़ाने की रौनक़ ही बढ़ाने के लिये आ...
(A missing line from Ranjish hi sahi by Ahmed Faraz)
Soul
As all things are filled with my soul,
you emerge from the things,
filled with my soul.
You are like my soul,
a butterfly of dreams
and you are like the word Melancholy...
and you hear me from far away
and my voice does not reach you:
let me come to be still in your silence.
- Unattributed
you emerge from the things,
filled with my soul.
You are like my soul,
a butterfly of dreams
and you are like the word Melancholy...
and you hear me from far away
and my voice does not reach you:
let me come to be still in your silence.
- Unattributed
चन्द सवालों, कुछ जवाबों
चन्द सवालों, कुछ जवाबों में लिपटी ज़िन्दगी मेरी,
कभी मन्दिरों, कभी मस्जिदों में सिमटी बन्दगी मेरी,
क़ुरबत रही कभी-कभी फ़ासला ख़ुद से 'तन्हा',
(अपूर्ण)
- आशिक़ा 'तन्हा'
कभी मन्दिरों, कभी मस्जिदों में सिमटी बन्दगी मेरी,
क़ुरबत रही कभी-कभी फ़ासला ख़ुद से 'तन्हा',
(अपूर्ण)
- आशिक़ा 'तन्हा'
Sunday, March 27, 2011
गर ज़माने को
गर ज़माने को जज़बात की क़ीमत होती,
तो प्यार करने में न कोई मुसीबत होती,
बजाए आशिक़ों को यूँ धुतकारे,
मुहब्बत की सबने दी नसीहत होती|
- मुश्ताक़
तो प्यार करने में न कोई मुसीबत होती,
बजाए आशिक़ों को यूँ धुतकारे,
मुहब्बत की सबने दी नसीहत होती|
- मुश्ताक़
सौदा
हर रात चादर पर बनी सिलवटों को देख
ठगा सा महसूस किया है मैंने भी|
इस इश्क़ के बाज़ार में
लुटा सा अहसास हुआ है मुझे भी|
सीने में दर्द, दिल में तड़प,
आँखों में नमी, सुलगे जज़बात|
झुलसे हुए हाथ|
इसके अलावा और कुछ न पाया|
कई बार हथेलियाँ पलट कर देखी|
कम्बख़्त खाली ही थीं|
खाली हाथ लौटने की तरक़ीब|
भीड़ में झूठमूठ मुस्कुराने की तहज़ीब|
खुद पर कम होता ऐतबार|
नाचता ज़मीर|
बहुत कुछ पाया ख़ुद को गवाँ कर,
इस कारोबार ए इश्क़ में,
पीछे मुडकर देखा तो तेरी तरह 'तन्हा'
मुझे भी लगा, सौदा बुरा न था|
- आशिक़ा 'तन्हा'
ठगा सा महसूस किया है मैंने भी|
इस इश्क़ के बाज़ार में
लुटा सा अहसास हुआ है मुझे भी|
सीने में दर्द, दिल में तड़प,
आँखों में नमी, सुलगे जज़बात|
झुलसे हुए हाथ|
इसके अलावा और कुछ न पाया|
कई बार हथेलियाँ पलट कर देखी|
कम्बख़्त खाली ही थीं|
खाली हाथ लौटने की तरक़ीब|
भीड़ में झूठमूठ मुस्कुराने की तहज़ीब|
खुद पर कम होता ऐतबार|
नाचता ज़मीर|
बहुत कुछ पाया ख़ुद को गवाँ कर,
इस कारोबार ए इश्क़ में,
पीछे मुडकर देखा तो तेरी तरह 'तन्हा'
मुझे भी लगा, सौदा बुरा न था|
- आशिक़ा 'तन्हा'
Friday, March 25, 2011
जफ़ा करना
जफ़ा करना मेरी आदतों में शुमार ना था 'तन्हा',
पर सुनते थे तुम्हें वफ़ा रास नहीं आती|
- आशिक़ा 'तन्हा'
Betrayal wasn't even notionally included in my habits,
but one hears loyalty never suited you.
- transcreated by Max
पर सुनते थे तुम्हें वफ़ा रास नहीं आती|
- आशिक़ा 'तन्हा'
Betrayal wasn't even notionally included in my habits,
but one hears loyalty never suited you.
- transcreated by Max
ईन सिलसिला
ईन सिलसिला अज़ तलए नाब अस्त,
ईन ख़ना तमाम आफ़ताब अस्त
- Mirza Ghalib on the Mirs of Gujarat
ईन ख़ना तमाम आफ़ताब अस्त
- Mirza Ghalib on the Mirs of Gujarat
दीवारें
Walls are naught but vacant poetry,
Men are the words.
Makes a shelter if they rhyme,
A refuge otherwise.
- HP
दीवारें और कुछ नहीं
ख़लिश भरी शायरी हैं,
जिसके लब्ज़ इनसान हैं,
जुड़े क़ाफ़िया रदीफ़
तो कारवाँसराइ हैं,
बेतुकी हुईं
तो रैनबसेरा हैं|
- मुश्ताक़
Men are the words.
Makes a shelter if they rhyme,
A refuge otherwise.
- HP
दीवारें और कुछ नहीं
ख़लिश भरी शायरी हैं,
जिसके लब्ज़ इनसान हैं,
जुड़े क़ाफ़िया रदीफ़
तो कारवाँसराइ हैं,
बेतुकी हुईं
तो रैनबसेरा हैं|
- मुश्ताक़
तेरी सादादिली पर मरना
तेरी सादादिली पर मरना मेरा ख़याल मेरी ज़रूरत ही सही 'तन्हा',
सजदा ए बन्दगी का कुछ तो तबर्रुख़ मिले
- आशिक़ा 'तन्हा'
let laying down my life for your simple-heartedness be my imagination, even a necessity,
may I be blessed for my unquestioning worship.
- transcreated by Max
तबर्रुख़ - प्रसाद
सजदा ए बन्दगी का कुछ तो तबर्रुख़ मिले
- आशिक़ा 'तन्हा'
let laying down my life for your simple-heartedness be my imagination, even a necessity,
may I be blessed for my unquestioning worship.
- transcreated by Max
तबर्रुख़ - प्रसाद
સ્વપના મા
સ્વપના મા વેહતિ'તિ નહેરો તારા ચેહરાની સતત
ને સ્વારે આઁખ મથી શૂં વહયૂ, કોને ખબર?
- રમેશ પારેખ
ને સ્વારે આઁખ મથી શૂં વહયૂ, કોને ખબર?
- રમેશ પારેખ
अच्छे दिनों की ख़ुशफ़हमी को
अच्छे दिनों की ख़ुशफ़हमी को यूँ पाला पोसा बिगाड़ा है,
मेरे वजूद तक का ना पता है, ना मुक़म्मल ठिकाना है
- मुश्ताक़
मेरे वजूद तक का ना पता है, ना मुक़म्मल ठिकाना है
- मुश्ताक़
तुम मौसम नहीं हो
तुम मौसम नहीं हो ख़ुशफ़हमी थी मेरी,
यह जाना मैंने तुम्हारे बदल जाने के बाद
- आशिक़ा 'तन्हा'
यह जाना मैंने तुम्हारे बदल जाने के बाद
- आशिक़ा 'तन्हा'
हम कहाँ के दाना थे
हम कहाँ के दाना थे,
किस हुनर के यक्ता थे,
बेसबब हुआ ग़ालिब
दुश्मन आसमाँ अपना|
(दाना - pundit
यक्ता - master craftsman)
किस हुनर के यक्ता थे,
बेसबब हुआ ग़ालिब
दुश्मन आसमाँ अपना|
(दाना - pundit
यक्ता - master craftsman)
भीगी भीगी सी है
भीगी भीगी सी है ख़ुशबू जैसे,
खुल गए हो तेरे गेस्सू जैसे|
हुस्न मासूम की बरहम नज़री,
मौसम ए गुल में चले लू जैसे|
जाने क्यों चुप है तेरा दीवाना,
कर गया हो कोई जादू जैसे|
इस तरह टूट रहे है रिश्ते,
हो जुदा आँख से आँसू जैसे|
- अनजान
(गेस्सू - hairs)
खुल गए हो तेरे गेस्सू जैसे|
हुस्न मासूम की बरहम नज़री,
मौसम ए गुल में चले लू जैसे|
जाने क्यों चुप है तेरा दीवाना,
कर गया हो कोई जादू जैसे|
इस तरह टूट रहे है रिश्ते,
हो जुदा आँख से आँसू जैसे|
- अनजान
(गेस्सू - hairs)
ना कभी ऐसा इनक़िलाब मिले
ना कभी ऐसा इनक़िलाब मिले
प्यास पानी की हो, शराब मिले,
उफ़्फ़! यह आज़ादी कि एक अन्धे को,
जैसे ख़ैरात में किताब मिले
- अनजान
प्यास पानी की हो, शराब मिले,
उफ़्फ़! यह आज़ादी कि एक अन्धे को,
जैसे ख़ैरात में किताब मिले
- अनजान
सलाम करने में
सलाम करने में words की सही अदायगी कितनी ज़रूरी है ज़रा ग़ौर फ़रमाइये:
अस्सलाम-ओ-अलइकुम - तुम पर सलामती हो
साम-ओ-अलइकुम - तुम बरबाद हो जाओ
असाम-ओ-अलइकुम - तुम को मौत आ जाए
अस्सा-ए-कुम - तुम ख़ुशी को तरसो
स्लाम-ए-कुम - तुम पे लानत हो
अस्सलाम-ओ-अलइकुम - तुम पर सलामती हो
साम-ओ-अलइकुम - तुम बरबाद हो जाओ
असाम-ओ-अलइकुम - तुम को मौत आ जाए
अस्सा-ए-कुम - तुम ख़ुशी को तरसो
स्लाम-ए-कुम - तुम पे लानत हो
પત્થર મન્દિર મા આવીને
પત્થર મન્દિર મા આવીને ભગવાન બની જયે છે...
અને...
મનવી મન્દિર મથી નિકલી ને પત્થર બબી જયે છે!
- અનજાન
અને...
મનવી મન્દિર મથી નિકલી ને પત્થર બબી જયે છે!
- અનજાન
चाहतें और भी थीं
चाहतें और भी थीं, राहतें और भी थीं 'तन्हा',
तेरी चाहत और राहत-ए-वस्ल में उम्र
बन्द मुट्ठी से रेत सी फिसल गयी
- आशिक़ा 'तन्हा'
तेरी चाहत और राहत-ए-वस्ल में उम्र
बन्द मुट्ठी से रेत सी फिसल गयी
- आशिक़ा 'तन्हा'
क्या हक़ था तुम्हें
क्या हक़ था तुम्हें, यूँ नज़रों से पिलाना,
क्या ख़ता की हमने, यूँ निगाहें मिलाना|
अब सवाल यह नहीं कि कौन जगा कौन सोया है,
आख़िर क्यों ठान ली यह गुलशनों को खिलाना|
या तो ख़्वाबिदा थे हम या फिर रूह-ए-रोशन ने,
कोई मौजीज़ा किया क्या, यूँ लाशों को जगाना|
आपकी निगाह में पता नहीं हम बुत हैं या पालतू जानवर,
अब क्या सोचना 'मुश्ताक़' किसे तारना किसे डुबाना|
- मुश्ताक़
To feed me wine with you eyes, what rights did you have
What fault of mine, you rewarded by fixing me with a gaze
Who's awake, who's asleep -isn't the question now
Why did you vow to bring spring back to these dead gardens
Perhaps I was asleep, or perchance the shining face of yours
Wrought a miracle resurrecting carcasses this way
-won't know if I am a pet animal or a statue in your eyes
Why think now, whom to save whom to drown...
- transcreated by Max
क्या ख़ता की हमने, यूँ निगाहें मिलाना|
अब सवाल यह नहीं कि कौन जगा कौन सोया है,
आख़िर क्यों ठान ली यह गुलशनों को खिलाना|
या तो ख़्वाबिदा थे हम या फिर रूह-ए-रोशन ने,
कोई मौजीज़ा किया क्या, यूँ लाशों को जगाना|
आपकी निगाह में पता नहीं हम बुत हैं या पालतू जानवर,
अब क्या सोचना 'मुश्ताक़' किसे तारना किसे डुबाना|
- मुश्ताक़
To feed me wine with you eyes, what rights did you have
What fault of mine, you rewarded by fixing me with a gaze
Who's awake, who's asleep -isn't the question now
Why did you vow to bring spring back to these dead gardens
Perhaps I was asleep, or perchance the shining face of yours
Wrought a miracle resurrecting carcasses this way
-won't know if I am a pet animal or a statue in your eyes
Why think now, whom to save whom to drown...
- transcreated by Max
नेकी और बदी
नेकी और बदी के जंग मे न कुछ सीखा न सिखाया है,
कभी नेकी ने डुबोया तो कभी बदी ने बचाया है
- मुश्ताक़
जब भी उसका नसीब लिखना
जब भी उसका नसीब लिखना,
उरूज लिखना, कमाल लिखना,
कभी ना हर्फ़-ए-ज़वल लिखना,
ख़ुशियाँ लिखना और
उसकी उम्र-ए-द्राज़ लिखना|
Whenever you write her destiny,
write in superlatives, sprinkle surprises,
do not ever employ a word of agony,
write joys, write a long life.
- transcreated by Max, original poet unknown.
किया है प्यार जिसे
किया है प्यार जिसे हमने ज़िन्दगी की तरह,
वह आशना भी मिला हम से अजनबी की तरह
- अनजान
बसी-बसी सुबह है
बसी-बसी सुबह है उदास रात के बाद,
प्यासा-प्यासा लौटा हूँ कल बरसात के बाद,
तेरा जाना, ना आना सब जायज़ है 'तन्हा',
पर नाजायज़ है दूरी इतने साथ के बाद
- आशिक़ा 'तन्हा'
उर्दू क्या है
अब उर्दू क्या है - एक कोठे की तवाइफ़ है| मज़ा हर एक लेता है, मुहब्बत कम करते हैं|
- ख़ुर्शीद अफ़्सार बिस्रानी
मनज़िल तो मिल ही जाएगी
मनज़िल तो मिल ही जाएगी भटक कर ही सही,
गुमराह तो वह है, जो घर से निकला ही नहीं
- अनजान
જગત જ્યારે જ્યારે
જગત જ્યારે જ્યારે મને નડતુ રહે છે,
ત્યારે ત્યારે મને મારા મા કૈક જડતુ રહે છે
(Whenever the world seems an obstacle to me,
I always find something within me)
- transcreated by Max, original poet not known
Peace of mind
Peace of mind is the beautiful gift which we can give to ourselves just by expecting nothing even after doing everything.
Wednesday, March 23, 2011
तेरी बेज़ुबाँ दरियादिली
तेरी बेज़ुबाँ दरियादिली पे नाज़ है ऐ दिल, पर ज़लज़ले आते रहते हैं,
समुन्दर की गहराई तो बेशुमार है, ऐ दिल, पर वलवले आते रहते हैं|
ज़ीस्त की पुरसुकुन चाल में लचक नहीं ऐ दिल, पर मनचले आते रहते हैं,
बेख़्वाब नीन्द भी नसीब होती है ऐ दिल, पर दिलजले आते रहते हैं||
- मुश्ताक़
ज़लज़ले - Earthquakes
वलवले - Whirlpools
पुरसुकुन - Peaceful
बेख़्वाब - Deep, dreamless
तकल्लुफ़
तुम मुझे कभी दिल कभी आँखों से पुकारो,
यह होंठों के तकल्लुफ़ तो ज़माने के लिए हैं
- अनजान
थक जाता हूँ मैं ज़माने के तकल्लुफ़ से,
दिलो-निगाह की ज़ुबाँ की जगाके तो देखो
- मुश्ताक़
कश्ती भी ना बदली
कश्ती भी ना बदली,
दरिया भी ना बदला,
हम दिल के मारों का
जज़्बा भी ना बदला|
हर शौके सफ़र ऐसा
कि एक उम्र से हमने
मनज़िल भी ना पायी,
रस्ता भी ना बदला|
Good relationships
Good relationships are like the needles of a clock. They only meet for some time but always stay connected.
Tuesday, March 22, 2011
Tuesday, March 15, 2011
मरने की जलदी
यहाँ ग़रीब को मरने की जलदी इसलिये भी है ग़ालिब,
कहीं ज़िन्दगी की कशमकश में कफ़न महँगा ना हो जाये
- मिर्ज़ा ग़ालिब
कहीं ज़िन्दगी की कशमकश में कफ़न महँगा ना हो जाये
- मिर्ज़ा ग़ालिब
दर्द-ए-इश्क़
तेरा दर्द मेरी आँखों में उतर आया है,
यह दर्द-ए-इश्क़ का कैसा सरमाया है,
सुनते थे मुहब्बत में दिल तर नहीं होता,
आँखें नम होतीं हैं,
फिर वस्ल-ए-यार ने कैसा
सितम फ़र्माया है|
- आशिक़ा 'तन्हा'
Your pain has seeped into my eyes,
what manifestation is this of love's agony,
have always heard in love the heart doesn't saturate
only eyes well up,
then why the tryst with the beloved
has been so punishing?
- transcreated by Max
यह दर्द-ए-इश्क़ का कैसा सरमाया है,
सुनते थे मुहब्बत में दिल तर नहीं होता,
आँखें नम होतीं हैं,
फिर वस्ल-ए-यार ने कैसा
सितम फ़र्माया है|
- आशिक़ा 'तन्हा'
Your pain has seeped into my eyes,
what manifestation is this of love's agony,
have always heard in love the heart doesn't saturate
only eyes well up,
then why the tryst with the beloved
has been so punishing?
- transcreated by Max
रिन्दापन
पिलाये जाती हो ज़हर मुझको
उस दिन के इन्तेज़ार में,
जब रिन्दापन, मशर्रत मिट कर
महज़ एक ज़रूरत बन जाये|
मुश्ताक़
(You go on feeding me poison
waiting for the day when,
my joyful imbibing would stop
being a delight and turn
into a mere habit.
- Max)
उस दिन के इन्तेज़ार में,
जब रिन्दापन, मशर्रत मिट कर
महज़ एक ज़रूरत बन जाये|
मुश्ताक़
(You go on feeding me poison
waiting for the day when,
my joyful imbibing would stop
being a delight and turn
into a mere habit.
- Max)
મીઠા તમારા પ્રેમ ના પત્રો
મીઠા તમારા પ્રેમ ના પત્રો સમય જતા,
નાહોતી ખબર કે દર્દ નુ વાચન બની જશે...
- મરીજ
Reminds me of these lines...
तेरी ख़ुशबू से भरे ख़त मैं जलाता कैसे...
तूने दुनिया से जो बचकर लिखे,
कभी दिन, तो कभी रात में छुपकर लिखे...
- अनजान
નાહોતી ખબર કે દર્દ નુ વાચન બની જશે...
- મરીજ
Reminds me of these lines...
तेरी ख़ुशबू से भरे ख़त मैं जलाता कैसे...
तूने दुनिया से जो बचकर लिखे,
कभी दिन, तो कभी रात में छुपकर लिखे...
- अनजान
ग़िलाफ़-ए-औज़ार-ए-मज़ा-ए-मुहब्बत-बन्दिश-ए-इज़फ़ा-ए-नसल
कन्डोम का उर्दू नाम:
ग़िलाफ़-ए-औज़ार-ए-मज़ा-ए-मुहब्बत-बन्दिश-ए-इज़फ़ा-ए-नसल
(कुछ तमीज़ सीखो, ग़ुब्बारा-ग़ुब्बारा करते रहते हो!)
ग़िलाफ़-ए-औज़ार-ए-मज़ा-ए-मुहब्बत-बन्दिश-ए-इज़फ़ा-ए-नसल
(कुछ तमीज़ सीखो, ग़ुब्बारा-ग़ुब्बारा करते रहते हो!)
मिलना ना मिलना
मिलना ना मिलना पर बेशुमार तरसना,
घने बादलों का कभी कभार बरसना,
फटता रहे ज़मीन का सीना बेलब्ज़,
नसीब जो है यूँ ही मसलसल लरज़ना
- मुश्ताक़
घने बादलों का कभी कभार बरसना,
फटता रहे ज़मीन का सीना बेलब्ज़,
नसीब जो है यूँ ही मसलसल लरज़ना
- मुश्ताक़
विषामृत
मधु करडप से आधारों को अर्थ देना,
विष से वन्चित रहकर जीवन व्यर्थ है,
स्नेह की प्रीतीची से स्व को कर दीप्तिमान लेना,
विषामृत प्रश में महारुद्र समर्थ है|
- आशिक़ा 'तन्हा'
विष से वन्चित रहकर जीवन व्यर्थ है,
स्नेह की प्रीतीची से स्व को कर दीप्तिमान लेना,
विषामृत प्रश में महारुद्र समर्थ है|
- आशिक़ा 'तन्हा'
मेरा अंतर्मुखी रुदन विस्तृत होकर विलोपन बन जाए
शरीर और आत्मा बीच दुरी तक क्षुल्लक बन जाए...
विचारोंके वमल में छिपे सुक्ष्म प्रतिबिम्ब भी जब
आत्माके क्रीडांगन में एक नक्कार स्वप्ना बन जाए.
- " मुश्ताक "
शरीर और आत्मा बीच दुरी तक क्षुल्लक बन जाए...
विचारोंके वमल में छिपे सुक्ष्म प्रतिबिम्ब भी जब
आत्माके क्रीडांगन में एक नक्कार स्वप्ना बन जाए.
- " मुश्ताक "
तेरी बन्दगी मैंने की
तेरी बन्दगी मैंने की, यह मेरी ज़िन्दगी बन्दगी है तेरी,
तुझसे हूँ ऐसे जुडा मैं, साँसों से धड़कनें जैसे जुडीं,
तेरी बन्दगी मैंने की, यह मेरी ज़िन्दगी बन्दगी है तेरी,
तुझको सब में ढूँढा मैंने, मुझको मुझी में मिला तू.
बाहों में अपनी भरकर मुझको, काँटों पे है चला तू
बिनतेरे मैं कुछ नहीं, तेरी है तेरी यह ज़िन्दगी,
तेरी बन्दगी मैंने की, यह मेरी ज़िन्दगी बन्दगी है तेरी |
- प्रियेशा कृष्णन
तुझसे हूँ ऐसे जुडा मैं, साँसों से धड़कनें जैसे जुडीं,
तेरी बन्दगी मैंने की, यह मेरी ज़िन्दगी बन्दगी है तेरी,
तुझको सब में ढूँढा मैंने, मुझको मुझी में मिला तू.
बाहों में अपनी भरकर मुझको, काँटों पे है चला तू
बिनतेरे मैं कुछ नहीं, तेरी है तेरी यह ज़िन्दगी,
तेरी बन्दगी मैंने की, यह मेरी ज़िन्दगी बन्दगी है तेरी |
- प्रियेशा कृष्णन
Saturday, March 12, 2011
Love
If you love something, set it free. If it returns, you have not lost it. If it disappears and never comes back, then it was never yours to begin with.
And if it just sits there watching TV, unaware that it has been set free, then you probably married it.
And if it just sits there watching TV, unaware that it has been set free, then you probably married it.
Squirrels
It is estimated that millions of trees in the world are accidentally planted by squirrels, who bury nuts and then forget where they hid them.
Do good, and forget.
- Anonymous
Do good, and forget.
- Anonymous
Butterfly
The butterfly fluttered frantically at Mehfooz,
not because it was lost.
It just needed someone to open the window
to freedom.
- Nuzhat
not because it was lost.
It just needed someone to open the window
to freedom.
- Nuzhat
Osho
Reporter to Osho: Do you know what girls and boys are doing in your ashram?
Osho: Mere ko kya?
Reporter: Ashram to aapka hai.
Osho: Phir tere ko kya?
Osho: Mere ko kya?
Reporter: Ashram to aapka hai.
Osho: Phir tere ko kya?
Wednesday, February 23, 2011
Patriotism
Patriotism cannot be our final spiritual shelter: my refuge is humanity. I will not buy glass for the price of diamonds. And I will never allow patriotism to triumph over humanity as long as I live.
- Rabindranath Thakur
- Rabindranath Thakur
The girl from Nanchez
There was a girl from Nanchez,
Whose clothes were in patches,
Asked to explain
She didn't refrain
"Whenever Ah itchez, Ah scratchez"!
- Ogden Nash
Whose clothes were in patches,
Asked to explain
She didn't refrain
"Whenever Ah itchez, Ah scratchez"!
- Ogden Nash
When he shall die
When he shall die, take him
And cut him out in little stars,
And he will make the face of heaven so fine
That all the world will be in love with night
And pay no worship to the Sun.
- William Shakespeare (Romeo and Juliet)
And cut him out in little stars,
And he will make the face of heaven so fine
That all the world will be in love with night
And pay no worship to the Sun.
- William Shakespeare (Romeo and Juliet)
Communication Problems
All Communication Problems are due to the reason that we do not listen to understand. We listen to reply!
- Anonymous
- Anonymous
TO DAD
I've clocked the motion of the wind,
And looked at my barometer,
I've watched the movement of the clouds
And studied my thermometer;
No matter how I check my charts
And scan the skies of blue,
I know that I shall never find
A hot air mass like you!
- Frank Jacobs
And looked at my barometer,
I've watched the movement of the clouds
And studied my thermometer;
No matter how I check my charts
And scan the skies of blue,
I know that I shall never find
A hot air mass like you!
- Frank Jacobs
Happiness
You will never be happy if you continue to search for what happiness consists of.
You will never live if you search for the meaning of life.
- Albert Camus
You will never live if you search for the meaning of life.
- Albert Camus
The truth
The truth is, everyone is going to hurt you. You just got to find the ones WORTH suffering for.
- Bob Marley
- Bob Marley
Midnight conversations
Midnight conversations
with the west wind
and bamboo wind chime blows
in magical melodies
into the Savannah home.
The universe gently hangs
another fluorescent
fern-like dream.
- Nuzhat
with the west wind
and bamboo wind chime blows
in magical melodies
into the Savannah home.
The universe gently hangs
another fluorescent
fern-like dream.
- Nuzhat
Tuesday, February 22, 2011
वह दामन
शफ़ाक़, धनुख, महताब, घटाएँ, तारे, नग़मे, बिजली, फूल,
उस दामन में क्या कुछ है, वह दामन हाथ में आए तो!
उस दामन में क्या कुछ है, वह दामन हाथ में आए तो!
Wednesday, February 16, 2011
दोस्त
दोस्त वह नहीं जो आपके काम आए,
दोस्त वह है जो आपकी टीशर्ट माँग कर ले जाय
और कभी वापस न दे...
दोस्त वह नहीं जो आपको ट्रीट दे...
दोस्त वह है जो आपके घर आए और कहे
"आज जो पका है जल्दी से ले आ"...
दोस्त वह नहीं जो फ़ोन करके मिलने आए...
दोस्त वह है जो घर के सामने आ के मेसेज करे
"कमीने बाहर आ"
दोस्त वह नहीं जो आपके जनाज़े में आए...
दोस्त वह है जो क़ब्र पे टीशर्ट ले के आए और कहे
"ले नहीं चाहिये तेरा अहसान,
चल उठ और मेरी दोस्ती वापस कर"
- अनजान
दोस्त वह है जो आपकी टीशर्ट माँग कर ले जाय
और कभी वापस न दे...
दोस्त वह नहीं जो आपको ट्रीट दे...
दोस्त वह है जो आपके घर आए और कहे
"आज जो पका है जल्दी से ले आ"...
दोस्त वह नहीं जो फ़ोन करके मिलने आए...
दोस्त वह है जो घर के सामने आ के मेसेज करे
"कमीने बाहर आ"
दोस्त वह नहीं जो आपके जनाज़े में आए...
दोस्त वह है जो क़ब्र पे टीशर्ट ले के आए और कहे
"ले नहीं चाहिये तेरा अहसान,
चल उठ और मेरी दोस्ती वापस कर"
- अनजान
Sirens
Walking on the cold silent cobblestone street,
lined with mesmerising daisies, I lose my way.
Could these daisies be modern day Sirens,
half human, half flower like?
- Nuzhat
lined with mesmerising daisies, I lose my way.
Could these daisies be modern day Sirens,
half human, half flower like?
- Nuzhat
Echoes
Echoes of the past play like a familiar lost tune of a song,
every now and then in the Juke box of my mind.
- Nuzhat
every now and then in the Juke box of my mind.
- Nuzhat
ज़िन्दगी
ज़िन्दगी उसी को आज़माती है, जो हर मोड़ पर चलना जानता है,
कुछ पाकर तो काइ भी मुस्कुराता है,
ज़िन्दगी उसी की होती है जो सब खोकर भी मुस्कुराना जानता है!
- अनजान
कुछ पाकर तो काइ भी मुस्कुराता है,
ज़िन्दगी उसी की होती है जो सब खोकर भी मुस्कुराना जानता है!
- अनजान
Monday, February 14, 2011
જીવનના નવરંગી સ્વરૂપ
થોડોક ઉચાટ,
સહેજ શાન્તિ,
છન્ટો રંજ,
ઉતાવળના વવઝોદા,
પશ્ચાતાપ્ના નિરવ રણ,
ત્રુતક ઊંઘ,
વળી ઉમલકના ઉછળા,
બેમુદ્દત ઇન્તેજારના વગડને
ક્યારેક પ્રેમના ટહુકો:
જીવનના નવરંગી સ્વરૂપ
- મુશ્તાક
સહેજ શાન્તિ,
છન્ટો રંજ,
ઉતાવળના વવઝોદા,
પશ્ચાતાપ્ના નિરવ રણ,
ત્રુતક ઊંઘ,
વળી ઉમલકના ઉછળા,
બેમુદ્દત ઇન્તેજારના વગડને
ક્યારેક પ્રેમના ટહુકો:
જીવનના નવરંગી સ્વરૂપ
- મુશ્તાક
सदियाँ
तुझको गए हुए तो सदियाँ बीत चुकीं,
अब तक ज़िन्दगी ढूँढ रही है तुझे
- मित्रा
सरक गई सदियाँ,
ज़िन्दगी खोजे तुझे हैं कहाँ
- मुश्ताक़
अब तक ज़िन्दगी ढूँढ रही है तुझे
- मित्रा
सरक गई सदियाँ,
ज़िन्दगी खोजे तुझे हैं कहाँ
- मुश्ताक़
Wednesday, February 9, 2011
कभी तो सोच
कभी तो सोच के वह शख़्स किस कदर था बुलन्द
जो झुक गया तेरे कदमों में आसमाँ की तरह|
कभी तो खुल के बरस अब्र ए महरबाँ की तरह
मेरा वजूद है जलते हुए मकान की तरह||
अनजान
जो झुक गया तेरे कदमों में आसमाँ की तरह|
कभी तो खुल के बरस अब्र ए महरबाँ की तरह
मेरा वजूद है जलते हुए मकान की तरह||
अनजान
सभी नग़मे साज़ में गाये नहीं जाते
सभी नग़मे साज़ में गाये नहीं जाते,
सभी लोग महफ़िल में बुलाये नहीं जाते,
कुछ पास रहकर भी याद नहीं आते
कुछ दूर रहकर भी भुलाए नहीं जाते|
- शहनाज़ बाबी
सभी लोग महफ़िल में बुलाये नहीं जाते,
कुछ पास रहकर भी याद नहीं आते
कुछ दूर रहकर भी भुलाए नहीं जाते|
- शहनाज़ बाबी
एक ही नज़र से
एक ही नज़र से वह कर गए क़त्ल-ए-आम,
भरे के भरे से रह गए सारे जाम,
चुलबुलाकर चहचहाकर हुए वह ग़ायब
हस्ब-ए-मामूल शराब हुई बदनाम
- मुश्ताक़
भरे के भरे से रह गए सारे जाम,
चुलबुलाकर चहचहाकर हुए वह ग़ायब
हस्ब-ए-मामूल शराब हुई बदनाम
- मुश्ताक़
न हो दीवानगी तो
न हो दीवानगी तो चाहत क्या है,
न हो आवारगी तो जन्नत क्या है |
दिल निचोड़ना पड़ता है मुहब्बत में,
न हो बन्दगी तो खिदमत क्या है ||
- मुश्ताक़
न हो आवारगी तो जन्नत क्या है |
दिल निचोड़ना पड़ता है मुहब्बत में,
न हो बन्दगी तो खिदमत क्या है ||
- मुश्ताक़
Tuesday, February 8, 2011
दो बूँद नूरे ख़ुदाई जो पाया था
दो बूँद नूरे ख़ुदाई जो पाया था, खो दिया रोज़ाना झमेलों में,
लाएँ अब जॊशो जलाल कहाँ से हमारे थके हारे लब्ज़ों में?
- मुश्ताक़
लाएँ अब जॊशो जलाल कहाँ से हमारे थके हारे लब्ज़ों में?
- मुश्ताक़
कल रात न जाने
कल रात न जाने बादलों में क्या क्या सज़िश हुई,
मेरा घर ही मिट्टी का था, और उसी पे बारिश हुई|
- अनजान
मेरा घर ही मिट्टी का था, और उसी पे बारिश हुई|
- अनजान
मौत की आमद से
मौत की आमद से पहले मर जाना,
ख़ौफ़ की आहट से पूरे डर जाना,
फ़नकार तो मिट कर भी यही चाहेगा,
लौट के शौक़त से कुछ कर जाना!
- मुश्ताक़
ख़ौफ़ की आहट से पूरे डर जाना,
फ़नकार तो मिट कर भी यही चाहेगा,
लौट के शौक़त से कुछ कर जाना!
- मुश्ताक़
Wednesday, January 26, 2011
Gujarati words
Four golden Gujarati words:
1. Chaalse (will do)
2. Bhaavse (will like that)
3. Faavse (will be comfy with it)
4. Gamse (will love that)
Apply these four words in your life and you will always be happy.
1. Chaalse (will do)
2. Bhaavse (will like that)
3. Faavse (will be comfy with it)
4. Gamse (will love that)
Apply these four words in your life and you will always be happy.
Short sentence
A short sentence but rich in meaning:
"Think all you speak. But never speak all you think."
"Think all you speak. But never speak all you think."
Come to the edge
"Come to the edge."
'We can't.
We're afraid."
"Come to the edge."
"We can't.
We will fall!"
"Come to the edge."
And they came.
And he pushed them.
And they flew.
- Guillaume Apollinaire (1880-1918)
French poet-philosopher
'We can't.
We're afraid."
"Come to the edge."
"We can't.
We will fall!"
"Come to the edge."
And they came.
And he pushed them.
And they flew.
- Guillaume Apollinaire (1880-1918)
French poet-philosopher
On a stroll
On a stroll by the hills,
I met the tall Eucalyptus tree
and the Round Brown Stone
beneath it. They said,
"We have been living together
for the last fifty years"...
- Unattributed
I met the tall Eucalyptus tree
and the Round Brown Stone
beneath it. They said,
"We have been living together
for the last fifty years"...
- Unattributed
Quotes
"Be true to yourself and be less concerned with what others think of you. Don't accept their definition of you, but grow into a self-definition of your own."
"Dream, deserve, achieve. Carpe diem."
"By seeing life as a game, your lightness of spirit will make problems seem easier."
"Life is the art of drawing without an eraser." - John Gardner
"Dream, deserve, achieve. Carpe diem."
"By seeing life as a game, your lightness of spirit will make problems seem easier."
"Life is the art of drawing without an eraser." - John Gardner
Trees and books
Necessary irony:
a shelf-load of books
on the nurturing of trees.
- Raamesh
I love books, I love trees,
on deeper thought,
my mind goes into a deep freeze...
- Max
a shelf-load of books
on the nurturing of trees.
- Raamesh
I love books, I love trees,
on deeper thought,
my mind goes into a deep freeze...
- Max
Nobel
A Nobel laureates
refuses to be with
Machiavelli.
- Max
All gloves are off,
when the Nobel turns
Machiavellian.
- Raamesh
Noblesse oblige,
no bells for Nobel!
- Max
refuses to be with
Machiavelli.
- Max
All gloves are off,
when the Nobel turns
Machiavellian.
- Raamesh
Noblesse oblige,
no bells for Nobel!
- Max
Caveman
A man dehumanised, mangled and mauled,
as the crowd sneered and roared,
a pregnant lady raped and gored,
humanity pushed aside, ignored...
The last laugh is reserved for the caveman.
- Max
as the crowd sneered and roared,
a pregnant lady raped and gored,
humanity pushed aside, ignored...
The last laugh is reserved for the caveman.
- Max
Silence
Sometimes
we maintain silence
to protect
a beautiful relationship.
But too much silence
creates a distance
in every relationship.
- Unattributed
we maintain silence
to protect
a beautiful relationship.
But too much silence
creates a distance
in every relationship.
- Unattributed
Wednesday, January 12, 2011
Anatomised juxtaposition
Anatomised juxtaposition of two orbicularis oris muscles in a state of contractions?
- It's the medical definition of a French kiss!
कितने कमज़र्फ़ हैं यह ग़ुब्बारे
कितने कमज़र्फ़* हैं यह ग़ुब्बारे,
चन्द फूँकों से फूल जाते हैं,
कमीने जब उरूज़** पाते हैं,
अपनी औक़ात भूल जाते हैं
- शुजा ख़ाविर
* shallow
** status
Proverbs
செத்தவனை சாகபோகிரவர் சுமைப்பார்
(Those about to die carry the dead. - Tamil proverb)
શિયાળની મૌત આવે એટલે ગામ માં આવે
(When a fox is about to dieit comes to a village. - Gujarati proverb)
Progress
"Progress is impossible without change, and those who cannot change their minds cannot change anything."
- Anonymous
Money
"When you don't have money, it seems money is the answer to all your problems. Then you get money and you've got a whole new set of problems."
- 50 Cent
Success
"Success is never measured by the size of the BRAIn, but it is always achieved by the size of one's THOUGHTS."
- Anonymous
सिर्फ़ आँखों से ही
सिर्फ़ आँखों से ही दुनिया नहीं देखी जाती,
दिल की धड़कन को भी बिनाई बनाकर देखो
- नीदा फ़ज़्ली
આંખો જરા ખુલી
આંખો જરા ખુલી અને સપના ફલી ગયા,
રેતી ના ગામ મા મને ઝરના મળી ગયા
- ચતક (દક્ષેશ કાન્ટ્રેક્ટર)
प्रेम...
प्रेम...
समझो तो अहसास,
देखो तो रिश्ता,
कहो तो लब्ज़,
चाहो तो ज़िन्दगी,
कर लो तो इबादत,
निभाओ तो वायदे,
टूट जाए तो मुक़द्दर,
पर मिल जाए तो जन्नत
- अनजान
करें हम ज़ख़्मों की नुमाइश
करें हम ज़ख़्मों की नुमाइश,
यह है आपकी मासूम फ़रमाइश,
पनपते हैं जब यह हर हाल में,
कोई मक़सद नयी आज़माइश|
- मुश्ताक़
ઉગ્યો હોત સિધો
ઉગ્યો હોત સિધો સટ્ટાક તાડના ઝાડ જેવો,
ક્યારનોય કપાઈ છુન્દાઈ ચુસાઈ ગયો હૉત|
ફૅલાયો છૂં અળવિત્રા ફુવદ વડ જેવો,
પાણીદાર કરવતો ભૉંઠી પડી, સરકી જાએ છે||
- મુશ્તાક
Man
Cow offers milk to others,
flowers, fruits, land, air, water,
sunlight practice the same.
But man...
- AA
Words
Words linger on mind drapes,
around the corridors of the heart,
much after they are heard and felt.
- Teena
Fragrance
Lingering fragrance
of the last prayer incense
lulls me into a meadow
of ephemeral bliss.
- Teena
Death
Twin of Death -
is it Regret?
Or a life not Lived?
- Teena
Regret is infinitely
slow cancer,
Death is just a window
to eternity.
- Max
Happiness
Happiness
was the dream
to see which
life slept...
Dream
started sleeping
waking up
life wept!
- Ani
Max's interpretation: She says happiness is transitory like all pleasure or feelings that please us, her dreams are special which can sense whether she is dreaming joyfully or is awake. Sadly, when awake she feels overwhelmed by reality and weeps! Expressing so much using two lines is a hoary art, my warm regards to Ani.
Defiled
My soul smothers, my eyes go wild,
My heart panics, my thoughts are mild,
In my own town, I'm a lost child,
Soiled looks I get, as if defiled.
- Max
कोई छुपाता है, कोई बताता है
कोई छुपाता है, कोई बताता है,
कोई रुलाता है, कोई हँसाता है,
दोस्ती तो हर किसी को है किसी से,
फ़र्क इतना है कि
कोई आज़माता है, और कोई निभाता है...
- अनजान
Tuesday, January 4, 2011
Calories
What are calories?
Calories are the little rascals that get into your wardrobe at night and sew your clothes tighter.
Calories are the little rascals that get into your wardrobe at night and sew your clothes tighter.
ફુલો ને ઉગવા નોય
ફુલો ને ઉગવા નોય ક્યા આપૅ વ્હે કૉઈ મૉકૉ -
હવે તૉ ઘર સજાવવા માટે ઠોર લાવે છે લૉકૉ
- મુશ્તાક
(Who gives a chance for flowers to grow,
they use cacti as ornamental plants now.
- Max)
હવે તૉ ઘર સજાવવા માટે ઠોર લાવે છે લૉકૉ
- મુશ્તાક
(Who gives a chance for flowers to grow,
they use cacti as ornamental plants now.
- Max)
Cosmic Melody
Our genes follow a pre-ordained
3D geometry,
ultra-compact volumes that decide
who'll be sanguine or sallow,
who'll entertain or unleash wars,
who'll spread sunshine or backstab dear ones,
who'll die in peace or suffer cancer.
These Trojan Horses or angelic bits we carry
coded and sealed in every cell
of trillions making us up...
isn't this a cosmic melody?
- Max
3D geometry,
ultra-compact volumes that decide
who'll be sanguine or sallow,
who'll entertain or unleash wars,
who'll spread sunshine or backstab dear ones,
who'll die in peace or suffer cancer.
These Trojan Horses or angelic bits we carry
coded and sealed in every cell
of trillions making us up...
isn't this a cosmic melody?
- Max
Cosmic Melody
There's mind-blowing activity thundering on
inside each minuscule atom,
billions of them linking up
to make DNA and RNA,
which line up in ultra-precision to produce
cells,
tissues,
nails,
hair,
blood,
bones,
the whole mind-blowing inventory that
makes a newborn child yell lustily,
luxuriating with its first, intoxicating
gust of oxygen...
isn't this a cosmic melody?
- Max
inside each minuscule atom,
billions of them linking up
to make DNA and RNA,
which line up in ultra-precision to produce
cells,
tissues,
nails,
hair,
blood,
bones,
the whole mind-blowing inventory that
makes a newborn child yell lustily,
luxuriating with its first, intoxicating
gust of oxygen...
isn't this a cosmic melody?
- Max
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