भीगी भीगी सी है ख़ुशबू जैसे,
खुल गए हो तेरे गेस्सू जैसे|
हुस्न मासूम की बरहम नज़री,
मौसम ए गुल में चले लू जैसे|
जाने क्यों चुप है तेरा दीवाना,
कर गया हो कोई जादू जैसे|
इस तरह टूट रहे है रिश्ते,
हो जुदा आँख से आँसू जैसे|
- अनजान
(गेस्सू - hairs)
Friday, March 25, 2011
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