Walls are naught but vacant poetry,
Men are the words.
Makes a shelter if they rhyme,
A refuge otherwise.
- HP
दीवारें और कुछ नहीं
ख़लिश भरी शायरी हैं,
जिसके लब्ज़ इनसान हैं,
जुड़े क़ाफ़िया रदीफ़
तो कारवाँसराइ हैं,
बेतुकी हुईं
तो रैनबसेरा हैं|
- मुश्ताक़
Friday, March 25, 2011
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