Monday, April 5, 2010

सफ़ेद लिबास

सफ़ेद लिबास उनको मेरे जिस्म पर बहुत पसन्द था फ़राज़
आज मैं क़फ़न में लिपता हुआ हूँ, फिर वह रोता क्यों है?

- फ़राज़

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