Monday, September 13, 2010

कभी ग़ुश खा लें...

कभी ग़ुश खा लें, थाम भी लेना,
बरा ए महरबानी -
राह में अंगारे आपही का तोहफ़ा हैं

- मुश्ताक़

No comments:

Post a Comment