Sunday, May 29, 2011

चन्द सवालों, कुछ जवाबों

चन्द सवालों, कुछ जवाबों में लिपटी ज़िन्दगी मेरी,
कभी मन्दिरों, कभी मस्जिदों में सिमटी बन्दगी मेरी,
क़ुरबत रही कभी-कभी फ़ासला ख़ुद से 'तन्हा',
(अपूर्ण)

- आशिक़ा 'तन्हा'

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