फूक है, चान्द है, क्या लगता है,
भीड में सबसे जुदा लगता है|
उसकी कुरबत में अजब दूरी है,
आदमी हो के ख़ुदा लगता है|
उसके होंठों से में अब क्या माँगूँ,
जो भी कहता है दु'आ लगता है|
शोर है दिल में कुछ इतना रशीद,
मुझको सन्नाटा सदा लगता है|
- अज्ञात
Wednesday, October 27, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment