कभी ग़ुश खा लें, थाम भी लेना,
बरा ए महरबानी -
राह में अंगारे आपही का तोहफ़ा हैं
- मुश्ताक़
Monday, September 13, 2010
हमने देखा है...
हमने देखा है मैग़ुज़ारों को पी के और जी के आख़िराश मरते,
जो नहीं पीते, अमुत को उनसे किसने देखा है दरग़ुज़ार करते?
- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
जो नहीं पीते, अमुत को उनसे किसने देखा है दरग़ुज़ार करते?
- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
बुनियाद
'मुनव्वर' माँ के आगे यूँ कभी खुलकर नहीं रोना,
जहाँ बुनियाद हो, इतनी नमी अच्छी नहीं होती
- मुनव्वर राणा
जहाँ बुनियाद हो, इतनी नमी अच्छी नहीं होती
- मुनव्वर राणा
ख़ुद को पढ़ता हूँ...
ख़ुद को पढ़ता हूँ, छोड़ देता हूँ,
एक वरक रोज़ मोड़ देता हूँ...
इस क़दर ज़ख़्म है निगाहों में,
रोज़ एक आईना तोड़ देता हूँ...
कांपते होंठ, भीगी पलकें,
बात अधूरी ही छोड़ देता हूँ...
रेतके घर बना बना के फ़राज़,
जाने क्यों ख़ुद ही तोड़ देता हूँ
- अहमद फ़राज़
एक वरक रोज़ मोड़ देता हूँ...
इस क़दर ज़ख़्म है निगाहों में,
रोज़ एक आईना तोड़ देता हूँ...
कांपते होंठ, भीगी पलकें,
बात अधूरी ही छोड़ देता हूँ...
रेतके घर बना बना के फ़राज़,
जाने क्यों ख़ुद ही तोड़ देता हूँ
- अहमद फ़राज़
क्या काम सुराही से
क्या काम सुराही से, पैमानों से क्या लेना,
वह आँख सलामत है, मैख़ानों से क्या लेना
- अज्ञात
वह आँख सलामत है, मैख़ानों से क्या लेना
- अज्ञात
Wednesday, September 8, 2010
ख़ुदा गवाह
ख़ुदा दुश्मन को भी मुहब्बत की आग न बख़्शे,
कहीं कोई न होता आतिश ए मुहब्बत मे तन्हा,
तब ख़ुदा गवाह होता|
- M.R. रंजन
कहीं कोई न होता आतिश ए मुहब्बत मे तन्हा,
तब ख़ुदा गवाह होता|
- M.R. रंजन
टूटे काँच का ढेर
कभी ख़्वाब में भी ना देखा था, आज हक़ीक़त है,
तुम्हारी आँख का कोहिनूर अब टूटे काँच का ढेर है|
- मुश्ताक़
तुम्हारी आँख का कोहिनूर अब टूटे काँच का ढेर है|
- मुश्ताक़
मानो या न मानो
मानो या न मानो,
यह ख़ुशनुमा समा आपसे वबस्ता है|
मेरे अन्दर बेशुमार हरकतों का सुस्ताना,
अनगिनत बेनाम वेहशतों का घुल जाना,
आपकी आमद से वबस्ता है|
मेरे सहमे दिल में हज़ार ज़ुबानें फूट निकलना,
मेरे वजूद के हर रोंगटे पे आँख खुल पड़ना,
मेरे सुखी ज़िन्दगी और रंगीन ख़्वाबों की
विलायत के बीच सुरंग खुलना,
आप ही की बदौलत है|
नज़र घुमाऊँ और यह जलवे कहीं
ग़ायब न हो जाएँ, ख़ौफ़ सा लगता है|
वह डर भी आपकी वजह से ही है|
- मुश्ताक़
यह ख़ुशनुमा समा आपसे वबस्ता है|
मेरे अन्दर बेशुमार हरकतों का सुस्ताना,
अनगिनत बेनाम वेहशतों का घुल जाना,
आपकी आमद से वबस्ता है|
मेरे सहमे दिल में हज़ार ज़ुबानें फूट निकलना,
मेरे वजूद के हर रोंगटे पे आँख खुल पड़ना,
मेरे सुखी ज़िन्दगी और रंगीन ख़्वाबों की
विलायत के बीच सुरंग खुलना,
आप ही की बदौलत है|
नज़र घुमाऊँ और यह जलवे कहीं
ग़ायब न हो जाएँ, ख़ौफ़ सा लगता है|
वह डर भी आपकी वजह से ही है|
- मुश्ताक़
या रब
या रब वह ना समझे हैं ना समझेंगे मेरी बात...
दे और दिल उनको, ना दे तो दे मुझको ज़ुबाँ और
- अज्ञात
दे और दिल उनको, ना दे तो दे मुझको ज़ुबाँ और
- अज्ञात
फित्नत की जुद्द
न दोस्तों का कसूर
न दुश्मनों की चालाकियाँ -
मेरी तबाही क्यों न हसे मुझ पर,
फित्नत की जुद्द में खुद ही जो निकला
- मुश्ताक़
(फित्नत की जुद्द - root of mischief)
न दुश्मनों की चालाकियाँ -
मेरी तबाही क्यों न हसे मुझ पर,
फित्नत की जुद्द में खुद ही जो निकला
- मुश्ताक़
(फित्नत की जुद्द - root of mischief)
दोस्ती का रिश्ता
खुशियों पर फ़िज़ाओं का पहरा है,
न जाने किस उम्मीद पर दिल ठहरा है,
तेरी आँखों से झलकते दर्द की कसम,
यह दोस्ती का रिश्ता मोहब्बत से गहरा है
- अज्ञात
न जाने किस उम्मीद पर दिल ठहरा है,
तेरी आँखों से झलकते दर्द की कसम,
यह दोस्ती का रिश्ता मोहब्बत से गहरा है
- अज्ञात
ક્યાંક ધોધમાર વરસદ વરસી જાય છે...
ક્યાંક ધોધમાર વરસદ વરસી જાય છે...
તૉ ક્યાંક એક બૂન્દની તરસ રહી જાય છે!
કોઇક ને મલે છે હજાર ચેહરા...
તો કૉઇક એક ચેહરા માટે તરસી જાય છે!
- મુશ્તાક
(Somewhere it rain torrentially...
and somewhere thirst lingers on for even a drop!
Someone gets a thousand faces...
Someone thirsts for just one face!
- Max)
તૉ ક્યાંક એક બૂન્દની તરસ રહી જાય છે!
કોઇક ને મલે છે હજાર ચેહરા...
તો કૉઇક એક ચેહરા માટે તરસી જાય છે!
- મુશ્તાક
(Somewhere it rain torrentially...
and somewhere thirst lingers on for even a drop!
Someone gets a thousand faces...
Someone thirsts for just one face!
- Max)
NDA Road
From N.D.A. Road,
low clouds flirting
with treetops
sculpt surreal
tableaux. I could
break outta my
skin, into a wispy
entity.
- Max
low clouds flirting
with treetops
sculpt surreal
tableaux. I could
break outta my
skin, into a wispy
entity.
- Max
Tuesday, September 7, 2010
Words
I may spark off a poem in your mind,
as you leave minor bugs behind,
thoughts streak through like lightning,
but words are difficult to find!
- Max
as you leave minor bugs behind,
thoughts streak through like lightning,
but words are difficult to find!
- Max
Giving
What could you give me,
I wondered.
Then I lost you.
- Alaka
Could give you
a whole new universe,
if your heart could
verbalise it all.
- Max
I wondered.
Then I lost you.
- Alaka
Could give you
a whole new universe,
if your heart could
verbalise it all.
- Max
Subscribe to:
Posts (Atom)