वरना गुल में इतनी नज़ाकत कहाँ होती
यकीनन तुमने ही उसे छुआ होगा...
वरना झरनों में इतनी रागिनि कहाँ होती
यकीनन तुमने ही कुछ गुनगुनाया होगा...
वरना इन्द्रधनु में इतने रंग कहाँ होते
यकीनन तुमने ही कुछ कमाल किया होगा...
वरना हम भी इतने इश्क़ मिज़ाज कहाँ होते
यकीनन तुमने ही कुछ जादू किया होगा
- शिल्पा देसाई
Sunday, June 27, 2010
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