Patriotism cannot be our final spiritual shelter: my refuge is humanity. I will not buy glass for the price of diamonds. And I will never allow patriotism to triumph over humanity as long as I live.
- Rabindranath Thakur
Wednesday, February 23, 2011
The girl from Nanchez
There was a girl from Nanchez,
Whose clothes were in patches,
Asked to explain
She didn't refrain
"Whenever Ah itchez, Ah scratchez"!
- Ogden Nash
Whose clothes were in patches,
Asked to explain
She didn't refrain
"Whenever Ah itchez, Ah scratchez"!
- Ogden Nash
When he shall die
When he shall die, take him
And cut him out in little stars,
And he will make the face of heaven so fine
That all the world will be in love with night
And pay no worship to the Sun.
- William Shakespeare (Romeo and Juliet)
And cut him out in little stars,
And he will make the face of heaven so fine
That all the world will be in love with night
And pay no worship to the Sun.
- William Shakespeare (Romeo and Juliet)
Communication Problems
All Communication Problems are due to the reason that we do not listen to understand. We listen to reply!
- Anonymous
- Anonymous
TO DAD
I've clocked the motion of the wind,
And looked at my barometer,
I've watched the movement of the clouds
And studied my thermometer;
No matter how I check my charts
And scan the skies of blue,
I know that I shall never find
A hot air mass like you!
- Frank Jacobs
And looked at my barometer,
I've watched the movement of the clouds
And studied my thermometer;
No matter how I check my charts
And scan the skies of blue,
I know that I shall never find
A hot air mass like you!
- Frank Jacobs
Happiness
You will never be happy if you continue to search for what happiness consists of.
You will never live if you search for the meaning of life.
- Albert Camus
You will never live if you search for the meaning of life.
- Albert Camus
The truth
The truth is, everyone is going to hurt you. You just got to find the ones WORTH suffering for.
- Bob Marley
- Bob Marley
Midnight conversations
Midnight conversations
with the west wind
and bamboo wind chime blows
in magical melodies
into the Savannah home.
The universe gently hangs
another fluorescent
fern-like dream.
- Nuzhat
with the west wind
and bamboo wind chime blows
in magical melodies
into the Savannah home.
The universe gently hangs
another fluorescent
fern-like dream.
- Nuzhat
Tuesday, February 22, 2011
वह दामन
शफ़ाक़, धनुख, महताब, घटाएँ, तारे, नग़मे, बिजली, फूल,
उस दामन में क्या कुछ है, वह दामन हाथ में आए तो!
उस दामन में क्या कुछ है, वह दामन हाथ में आए तो!
Wednesday, February 16, 2011
दोस्त
दोस्त वह नहीं जो आपके काम आए,
दोस्त वह है जो आपकी टीशर्ट माँग कर ले जाय
और कभी वापस न दे...
दोस्त वह नहीं जो आपको ट्रीट दे...
दोस्त वह है जो आपके घर आए और कहे
"आज जो पका है जल्दी से ले आ"...
दोस्त वह नहीं जो फ़ोन करके मिलने आए...
दोस्त वह है जो घर के सामने आ के मेसेज करे
"कमीने बाहर आ"
दोस्त वह नहीं जो आपके जनाज़े में आए...
दोस्त वह है जो क़ब्र पे टीशर्ट ले के आए और कहे
"ले नहीं चाहिये तेरा अहसान,
चल उठ और मेरी दोस्ती वापस कर"
- अनजान
दोस्त वह है जो आपकी टीशर्ट माँग कर ले जाय
और कभी वापस न दे...
दोस्त वह नहीं जो आपको ट्रीट दे...
दोस्त वह है जो आपके घर आए और कहे
"आज जो पका है जल्दी से ले आ"...
दोस्त वह नहीं जो फ़ोन करके मिलने आए...
दोस्त वह है जो घर के सामने आ के मेसेज करे
"कमीने बाहर आ"
दोस्त वह नहीं जो आपके जनाज़े में आए...
दोस्त वह है जो क़ब्र पे टीशर्ट ले के आए और कहे
"ले नहीं चाहिये तेरा अहसान,
चल उठ और मेरी दोस्ती वापस कर"
- अनजान
Sirens
Walking on the cold silent cobblestone street,
lined with mesmerising daisies, I lose my way.
Could these daisies be modern day Sirens,
half human, half flower like?
- Nuzhat
lined with mesmerising daisies, I lose my way.
Could these daisies be modern day Sirens,
half human, half flower like?
- Nuzhat
Echoes
Echoes of the past play like a familiar lost tune of a song,
every now and then in the Juke box of my mind.
- Nuzhat
every now and then in the Juke box of my mind.
- Nuzhat
ज़िन्दगी
ज़िन्दगी उसी को आज़माती है, जो हर मोड़ पर चलना जानता है,
कुछ पाकर तो काइ भी मुस्कुराता है,
ज़िन्दगी उसी की होती है जो सब खोकर भी मुस्कुराना जानता है!
- अनजान
कुछ पाकर तो काइ भी मुस्कुराता है,
ज़िन्दगी उसी की होती है जो सब खोकर भी मुस्कुराना जानता है!
- अनजान
Monday, February 14, 2011
જીવનના નવરંગી સ્વરૂપ
થોડોક ઉચાટ,
સહેજ શાન્તિ,
છન્ટો રંજ,
ઉતાવળના વવઝોદા,
પશ્ચાતાપ્ના નિરવ રણ,
ત્રુતક ઊંઘ,
વળી ઉમલકના ઉછળા,
બેમુદ્દત ઇન્તેજારના વગડને
ક્યારેક પ્રેમના ટહુકો:
જીવનના નવરંગી સ્વરૂપ
- મુશ્તાક
સહેજ શાન્તિ,
છન્ટો રંજ,
ઉતાવળના વવઝોદા,
પશ્ચાતાપ્ના નિરવ રણ,
ત્રુતક ઊંઘ,
વળી ઉમલકના ઉછળા,
બેમુદ્દત ઇન્તેજારના વગડને
ક્યારેક પ્રેમના ટહુકો:
જીવનના નવરંગી સ્વરૂપ
- મુશ્તાક
सदियाँ
तुझको गए हुए तो सदियाँ बीत चुकीं,
अब तक ज़िन्दगी ढूँढ रही है तुझे
- मित्रा
सरक गई सदियाँ,
ज़िन्दगी खोजे तुझे हैं कहाँ
- मुश्ताक़
अब तक ज़िन्दगी ढूँढ रही है तुझे
- मित्रा
सरक गई सदियाँ,
ज़िन्दगी खोजे तुझे हैं कहाँ
- मुश्ताक़
Wednesday, February 9, 2011
कभी तो सोच
कभी तो सोच के वह शख़्स किस कदर था बुलन्द
जो झुक गया तेरे कदमों में आसमाँ की तरह|
कभी तो खुल के बरस अब्र ए महरबाँ की तरह
मेरा वजूद है जलते हुए मकान की तरह||
अनजान
जो झुक गया तेरे कदमों में आसमाँ की तरह|
कभी तो खुल के बरस अब्र ए महरबाँ की तरह
मेरा वजूद है जलते हुए मकान की तरह||
अनजान
सभी नग़मे साज़ में गाये नहीं जाते
सभी नग़मे साज़ में गाये नहीं जाते,
सभी लोग महफ़िल में बुलाये नहीं जाते,
कुछ पास रहकर भी याद नहीं आते
कुछ दूर रहकर भी भुलाए नहीं जाते|
- शहनाज़ बाबी
सभी लोग महफ़िल में बुलाये नहीं जाते,
कुछ पास रहकर भी याद नहीं आते
कुछ दूर रहकर भी भुलाए नहीं जाते|
- शहनाज़ बाबी
एक ही नज़र से
एक ही नज़र से वह कर गए क़त्ल-ए-आम,
भरे के भरे से रह गए सारे जाम,
चुलबुलाकर चहचहाकर हुए वह ग़ायब
हस्ब-ए-मामूल शराब हुई बदनाम
- मुश्ताक़
भरे के भरे से रह गए सारे जाम,
चुलबुलाकर चहचहाकर हुए वह ग़ायब
हस्ब-ए-मामूल शराब हुई बदनाम
- मुश्ताक़
न हो दीवानगी तो
न हो दीवानगी तो चाहत क्या है,
न हो आवारगी तो जन्नत क्या है |
दिल निचोड़ना पड़ता है मुहब्बत में,
न हो बन्दगी तो खिदमत क्या है ||
- मुश्ताक़
न हो आवारगी तो जन्नत क्या है |
दिल निचोड़ना पड़ता है मुहब्बत में,
न हो बन्दगी तो खिदमत क्या है ||
- मुश्ताक़
Tuesday, February 8, 2011
दो बूँद नूरे ख़ुदाई जो पाया था
दो बूँद नूरे ख़ुदाई जो पाया था, खो दिया रोज़ाना झमेलों में,
लाएँ अब जॊशो जलाल कहाँ से हमारे थके हारे लब्ज़ों में?
- मुश्ताक़
लाएँ अब जॊशो जलाल कहाँ से हमारे थके हारे लब्ज़ों में?
- मुश्ताक़
कल रात न जाने
कल रात न जाने बादलों में क्या क्या सज़िश हुई,
मेरा घर ही मिट्टी का था, और उसी पे बारिश हुई|
- अनजान
मेरा घर ही मिट्टी का था, और उसी पे बारिश हुई|
- अनजान
मौत की आमद से
मौत की आमद से पहले मर जाना,
ख़ौफ़ की आहट से पूरे डर जाना,
फ़नकार तो मिट कर भी यही चाहेगा,
लौट के शौक़त से कुछ कर जाना!
- मुश्ताक़
ख़ौफ़ की आहट से पूरे डर जाना,
फ़नकार तो मिट कर भी यही चाहेगा,
लौट के शौक़त से कुछ कर जाना!
- मुश्ताक़
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